आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एलजी पॉलिमर से हुए गैस रिसाव घटना के बाद कंपनी का विरोध करते हुए यहां के आरआर वेंकटपुरम गांव में एलजी पॉलिमर से नाराज ग्रामीणों ने शनिवार को गैस रिसाव की घटना में मृत लोगों के शव रख कर प्रदर्शन किया और संयंत्र को तत्काल बंद करने की मांग की।
गुरुवार तड़के एलजी पॉलिमर केमिकल संयंत्र से जहरीली गैस रिसने से एक बच्चे समेत कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई थी। अधिकारियों ने पोस्टमार्टम के बाद मृतकों के शव उनके परिवार के सदस्यों को सौंप दिए थे। धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों ने संयंत्र को अन्यत्र स्थानांतरित करने तथा प्रबंधकों को दंंडित किये जाने की मांग को लेकर नारे लगाये।
प्रदर्शनकारी जब धरना दे रहे थे , उस समय राज्य के पुलिस महानिदेशक(डीजीपी) गौतम सवांग और अन्य अधिकारी संयंत्र के भीतर मौजूद थे। प्रदर्शनकारियों ने डीजीपी का घेराव करने के लिए संयंत्र के भीतर घुसने का भी प्रयास किया। इस दौरान काफी संख्या में पुलिस और राष्ट्रीय आपदा त्वरित बल के जवान वहां मौजूद थे।
संयंत्र परिसर में तनाव की स्थिति के बीच कुछ देर बाद डीजीपी और अन्य अधिकारी वहां से चले गये। पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है तथा उन्हें थाने में रखा है। मृतकों के परिजनों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने गुप्त रूप से शवों को दफनाने का प्रयास किया , लेकिन उन्होंने उनकी इस कोशिश को रोक दिया।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गैस रिसाव के कारण इलाके का पानी भी प्रदूषित हो गया है और अधिकारी उन्हें पेयजल उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने एलजी संयंत्र प्रबंधन पर आरोप लगाया कि उन्हें बचाने अथवा बातचीत के लिए कंपनी का कोई प्रतिनिधि उनके पास नहीं आया है। उन्होंने कहा, “ कंपनी ने बाहरी लोगों को रोजगार दिया है और मौत स्थानीय लोगों की हुई है। जब तक कंपनी को अन्यत्र स्थानांतरित नहीं किया जाता , हम यहां से नहीं उठेंगे।”