पश्चिम बंगाल और असम विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए शनिवार सुबह से मतदान जारी है। चुनाव में कई प्रमुख उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी है। दोनों राज्यों में पहले चरण में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 1.54 करोड़ से अधिक है।
पश्चिम बंगाल में पहले चरण में 30 विधानसभा सीटों पर चुनाव हो रहा है, जिनमें से अधिकतर सीटें एक समय नक्सल प्रभावित रहे जंगलमहल इलाके में आती हैं। ऐसे में सबकी निगाहें इस क्षेत्र में होने वाले मतदान पर टिकी हैं। भाजपा जंगलमहल क्षेत्र से अच्छी उम्मीद लगाए बैठी है। साल 2019 में हुए आम चुनाव में इस क्षेत्र की अधिकतर सीटों पर भाजपा को जीत हासिल हुई थी। अधिकारियों ने कहा कि इस क्षेत्र में मतदान के लिये सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गए हैं। चुनाव आयोग यहां केन्द्रीय बलों की लगभग 684 कंपनियों को तैनात कर रहा है, जिनके पास 10,288 मतदान केन्द्रों की सुरक्षा की जिम्मेदारी होगी।
वहीं, असम में पहले चरण के मतदान में मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, विधानसभा अध्यक्ष हीरेन्द्रनाथ गोस्वामी और असम की प्रदेश कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष रिपुन बोरा की किस्मत दांव पर है। इसके अलावा सत्तारूढ़ भाजपा तथा असम गण परिषद के कई मंत्रियों की भी किस्मत भी पहले चरण के मतदान के साथ ईवीएम में कैद हो जाएगी। असम की 126 सदस्यीय विधानसभा की 47 सीटों पर पहले चरण में मतदान हो रहा है।
इस चरण में अधिकतर सीटों पर सत्तारूढ़ भाजपा-एजीपी गठबंधन, कांग्रेस नीत विपक्षी महागठबंधन और नवगठित असम जातीय परिषद (एजेपी) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार हैं। राज्य में तीन चरणों में मतदान होगा। पहले चरण में 27 मार्च, दूसरे चरण में एक अप्रैल और तीसरे चरण में छह अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। अधिकारियों ने कहा कि मतदान सुबह सात बजे शुरू होकर शाम छह बजे समाप्त होगा। कोविड-19 नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिये मतदान का समय एक घंटा बढ़ाया गया है।