मध्य प्रदेश में भारी बारिश के बाढ़ आई बाढ़ से सामान्य जनजीवन ठप है। बारिश के कारण बेतवा और जामनी नदी उफान पर है। जिसके कारण निचले इलाकों में पानी भर गया है। राज्य के 18 जिले बाढ़ से प्रभावित है। अधिकतर ग्रामीण इलाकों का शहर से सड़क संपर्क टूट चूका है। पानी का स्तर बढ़ने से मंदसौर स्थित पशुपति नाथ मंदिर लबालब है।
मंदसौर में भरी बारिश के बाद सड़कों और आवासीय क्षेत्रों में जलभराव की समस्या का लोगों को सामना करना पड़ रहा है। निवाड़ी जिले के ओरछा के पास बेतवा और जामनी नदी के बीच फंसे 3 लोगों को एयरफोर्स के एक हेलीकॉप्टर द्वारा बचाया गया। मंदसौर में पशुपतिनाथ मंदिर में बाढ़ का पानी घुसने के कारण शिवलिंग भी पानी में डूब गया है।
एसपी हितेश चौधरी का कहना है, “जलभराव और बाढ़ वाले क्षेत्रों में लोगों को स्थानांतरित कर दिया गया है, प्रवेश ने उनके लिए भोजन और आवास की व्यवस्था की है।” तालाबों के किनारे पर रहने वाले लोगों ने लबालब भरे तालाबों के पास डर के साए में जागकर रात गुजारी। पुलिस प्रशासन और समाजसेवियों की टीम मुस्तैदी से अपना काम कर रही है और राहत शिविरों में रह रहे लोगों को खाना और शुद्ध जल की व्यवस्था की जा रही है।
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अभी जिले में 3000 से ज्यादा लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। बारिश से ग्रामीण इलाकों में कई कच्चे मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। प्रशासन ने एतियात बरतते हुए स्कूल और कॉलेजों को बंद रखने का निर्देश दिया गया है। वहीं मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे भी यहां भारी बारिश की आशंका जताई है। इसे देखते हुए जिले में अलर्ट जारी है।