पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के दौरा हुई हत्या और बलात्कार के मामलों की सीबीआई जांच करेगी। कोलकाता हाई कोर्ट ने ममता सरकार को झटका देते हुए गुरुवार को ये फैसला किया। इसके साथ ही कोर्ट ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है, जो अन्य अपराधों की जांच करेगा।
एसआईटी में पश्चिम बंगाल काडर के सीनियर अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा। केंद्रीय एजेंसी को छह सप्ताह के अंदर रिपोर्ट दाखिल करनी होगी। हाई कोर्ट ने बताया कि एसआईटी और सीबीआई की निगरानी भी कोर्ट करेगा। मामले की सुनवाई कर रहे मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने कहा कि अलग-अलग फैसले हैं लेकिन सभी सहमत हैं।
हाई कोर्ट के आदेश पर बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हम हाई कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हैं। ममता बनर्जी सरकार निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद राज्य सरकार के संरक्षण में हिंसा हुई थी। उच्च न्यायालय के आदेश ने सरकार को एक्सपोज कर दिया है।’
बता दें कि कोर्ट के समक्ष कई जनहित याचिकाएं दायर की गई थीं, जिसमें आरोप लगाया गया था कि चुनाव के बाद की हिंसा में लोगों के साथ मारपीट की गई, उन्हें घर से भागने के लिए मजबूर किया गया और उनकी संपत्ति को नष्ट कर दिया गया और इन आरोपों की निष्पक्ष जांच की मांग की गई।