पश्चिम बंगाल में सप्ताह भर चली हड़ताल के बाद राज्य सरकार के सभी अस्पतालों में जूनियर डॉक्टर काम पर लौट आए हैं जिससे मरीजों को राहत मिली। इस हड़ताल के कारण पूरे राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित रहीं। राज्य में सभी 14 मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों ने काम करना शुरू कर दिया है। ओपीडी, रोग विज्ञान और अन्य विभागों में सामान्य कामकाज बहाल हो गया है। जूनियर डॉक्टरों के प्रदर्शन का केंद्र रहे नील रतन सरकार (एनआरएस) मेडिकल कॉलेज और अस्पताल समेत सभी अस्पतालों में भारी संख्या में मरीज पहुंचे।
जूनियर डॉक्टरों के एक संयुक्त फोरम के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमारे ज्यादातर सहकर्मियों ने काम शुरू कर दिया है और वे मंगलवार सुबह से ओपीडी विभागों में नियमित सेवाएं देने में वरिष्ठ डॉक्टरों की मदद कर रहे हैं।’’ उन्होंने बताया कि चूंकि कई जूनियर डॉक्टर प्रदर्शन में भाग लेने के लिए कोलकाता में थे तो वे मंगलवार सुबह दूरदराज के इलाकों में अपने कार्य स्थलों पर नहीं पहुंच पाए।
उन्होंने कहा, ‘‘वे अस्पताल पहुंचते ही जल्द से जल्द काम शुरू कर देंगे।’’ अपने भाई की दिल की बीमारी के इलाज के लिए अक्सर एनआरएस अस्पताल आने वाले मालदा जिले के अरिफुल हक ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए राहत है। हम गरीब हैं और सरकारी अस्पताल में जाने के अलावा हमारे पास अन्य कोई विकल्प नहीं है। हड़ताल ने हमारे इलाज पर असर डाला। मैं खुश हूं कि अब हड़ताल खत्म हो गई।’’ थैलीसीमिया के मरीज सांतनु हाजरा भी खुश है कि डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी और अपने काम पर लौट गए।
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हाजरा का शहर के एसएसकेएम अस्पताल में इलाज चल रहा है। जूनियर डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद सोमवार रात को अपनी सप्ताह भर चली हड़ताल खत्म कर दी थी। बनर्जी ने उन्हें राज्य में सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाने का आश्वासन दिया। एनआरएस अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज में एक मरीज की मौत के बाद उसके परिजनों ने दो डॉक्टरों पर हमला कर दिया था जिसका विरोध करते हुए जूनियर डॉक्टर पिछले मंगलवार से हड़ताल पर थे।
एनआरएस अस्पताल के प्रधानाचार्य प्रोफेसर सैबाल मुखर्जी ने कहा, ‘‘डॉक्टर ओपीडी में काफी व्यस्त हैं। मरीज पिछले हफ्ते यहां आए थे लेकिन हड़ताल के कारण उन्हें देखा नहीं जा सका। हम उनमें से ज्यादातर का इलाज करने की कोशिश कर रहे हैं।’’ जूनियर डॉक्टरों की मांग के अनुसार, सहायक आयुक्त की रैंक के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ पर्याप्त पुलिस बल अस्पताल परिसर में तैनात हैं ताकि स्थिति पर निगरानी रखी जा सके।