पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच तनातनी शुक्रवार को बढ़ गई जब राज्यपाल ने मुख्यमंत्री ममता पर अल्पसंख्यक समुदाय का ‘‘खुल्लम खुल्ला तुष्टीकरण’’ करने का आरोप लगाया।
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री के बृहस्पतिवार को उन्हें लिखे पत्र का जिक्र किया जिसमें मुख्यमंत्री ने राज्यपाल पर सरकार के कामकाज में ‘‘लगातार दखल’’ देने का आरोप लगाया था। राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री का गुस्सा राज्य में कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने में ‘‘बड़ी विफलताओं’’ पर पर्दा डालने की एक रणनीति है।
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टीएमसी सुप्रीमो से ‘‘राजनीति और टकराव का रुख खत्म’’ करने का अनुरोध करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उनका व्यवहार राज्य के लोगों की परेशानियों को केवल बढ़ा रहा है। राज्यपाल ने बनर्जी के बृहस्पतिवार को लिखे पत्र के बाद उन्हें लिखे पत्र में कहा, ‘‘ आपका पत्र इस चुनौतीपूर्ण समय में भयंकर गलतियां करने से जो भारी विफलता सामने आयी है , उस पर बहानेबाजी की रणनीति के जरिए परदा डालने के लिए किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा है।
उन्होंने कहा, ‘‘अल्पसंख्यक समुदाय का आपका तुष्टीकरण निजामुद्दीन मरकज घटना पर बेहद खुल्लम खुल्ला और अनुपयुक्त था। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है तथा इसका समर्थन नहीं किया जा सकता।’’ राज्यपाल उस कार्यक्रम का जिक्र कर रहे थे जहां बनर्जी को राष्ट्रीय राजधानी में तबलीगी जमात के धार्मिक आयोजन पर टिप्प्णी करने के लिए कहा गया था।