पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सोमवार को कहा कि पुलिस और प्रशासन को ‘राजनीतिक रूप से’ तटस्थ रहना चाहिए और चेतावनी दी कि ‘‘इस मार्ग से हटना गंभीर परिणामों का संकेत है।’’
फिलहाल दार्जिलिंग में ठहरे धनखड़ ने अपने ट्वीट में कहा कि ‘राजनीतिक रूप से प्रेरित लोक सेवकों पर’ उनकी चेतावनी आंशिक रूप से ही असरदार रही है, क्योंकि कुछ अब भी अवज्ञाकारी हैं तथा वे यह समझ नहीं रहे हैं कि ऐसे ‘गलत आचरण’ के करियर के हिसाब से गंभीर एवं आपराधिक परिणाम होते हैं।
उन्होंने लोक सेवकों को चेताया कि राजनीतिक झुकाव ‘अवैध एवं आपराधिक रूप से गलत’ है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए सत्ता के गलियारे से संविधानेत्तर एवं अवैध घुसपैठयों को ‘बाहर निकालने का’ यही वक्त है।
Police and Administration @MamataOfficial must be ‘political neutral’.
Must adhere @IASassociation @IPS_Association AIS (Conduct) Rules, 1968 “Every member of the Service shall at all times maintain “political neutrality”.
Outrageous departures spell serious consequences.
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) November 9, 2020
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ राजनीतिक रूप से प्रेरित जनसेवकों पर’ मेरे अलर्ट आंशिक रूप से ही असरकारी रहे हैं क्योंकि कुछ अब भी अवज्ञाकारी हैं तथा वे यह समझ नहीं रहे हैं कि ऐसे ‘बुरे बर्ताव’ के गंभीर करियर एवं आपराधिक परिणाम होते हैं। उन्हें यह समझना चाहिए कि आप भले ही कितने ही ऊंचे क्यों न हों, कानून आप से भी ऊपर होता है।
इसलिए तौर-तरीके बदल लीजिए।’’ उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘‘ पुलिस और प्रशासन को राजनीतिक रूप से तटस्थ रहना चाहिए। उन्हें आईएएस एसोसिएशन और आईपीएस एसोसिएशन एआईएस (आचरण) नियमावली, 1968 का पालन करना चाहिए।
सेवा का हर सदस्य हर वक्त राजनीतिक रूप से तटस्थ रहे। इस मार्ग से हटना गंभीर परिणामों का संकेत है।’’ राज्यपाल ने कहा कि उल्लंघनकर्ताओं के लिए बचने का ‘एकमात्र मार्ग’ है कि वे राजनीतिक सोच का परित्याग करें और कानून के अनुसार सेवा करे।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ राजनीतिक झुकाव अवैध एवं आपराधिक रूप से गलत है। लोकतंत्र की रक्षा के लिए सत्ता के गलियारे से संविधानेतर प्राधिकारियों एवं अवैध घुसपैठयों को ‘बाहर निकालने का’ यही वक्त है। उल्लंघनकर्ताओं के लिए बचने का ‘एकमात्र मार्ग’ है कि वे राजनीतिक सोच का परित्याग करें और कानून के अनुसार सेवा करें।’’
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अक्टूबर में लिखे पत्र में धनखड़ ने ‘यह सुनिश्चित करने के लिए सत्ता के गलियारों से गैर सरकारी तत्वों को हटाने का आह्वान किया था कि राज्य के सुरक्षा सलाहकार और प्रधान सलाहकार (आतंरिक सुरक्षा) संवैधानिक रूप से संगठित पुलिस ढांचे पर मनमर्जी न करें और पुलिस महानिदेशक एवं अन्य पुलिस अधिकारियों को अपनी अंगुली पर न नचाएं एवं ऐसा न हो कि वे महत्वहीन हो जाएं। राज्य सरकार ने सेवानिवृत आईपीएस अधिकारियों- सुरजीत कार पुरकायस्थ को सुरक्षा सलाहकार एवं रीना मित्रा को प्रधान सलाहकार (सुरक्षा) नियुक्त किया था।