मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज आरोप लगाया कि जब-जब प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आती है, किसान परेशान होता है और सरकार ने इस बार फसल बीमा की दावा राशि के नाम पर किसानों को ठगा है।
नगद निकासी पर रोक लगा दी गई
श्री कमलनाथ ने अपने ट्वीट में कहा कि जब-जब राज्य में भाजपा सरकार आती है, किसान परेशान होता है। मध्यप्रदेश में किसानों को ना खाद, ना बीज, ना सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली-पानी मिल पा रहा है। उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल रहा है, ना ही खराब फसलों का मुआवजा मिल रहा है। अब तो फसल बीमा की दावा राशि के नाम पर किसान को एक बार फिर ठगा गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने दो सप्ताह पहले प्रदेश में बड़-बड़ आयोजन कर 49 लाख किसानों के खातों में फसल बीमा की दावा राशि के सात हजार 600 करोड़ रुपए डालने के बड़-बड़ दावे किए थे। सच्चाई यह है कि आज भी हजारों किसानों के खातों में यह राशि नहीं पहुंची है। जिन किसानों के खातों में राशि पहुंची भी है, वहां बैंकों द्वारा बगैर उनकी सहमति के उस राशि को ऋण में समायोजित किया जा रहा है। नगद निकासी पर रोक लगा दी गई है।
सरकार के सारे दावे झूठे साबित हुए
उन्होंने आरोप लगाया कि लाखों किसानों को नुकसान के अनुपात में कम राशि मिली है, कई किसानों को जमा प्रीमियम की राशि से भी कम राशि क्लेम के रूप में मिली है। सरकार ने दावा किया था कि किसी भी किसान को एक हत्रार रुपये से कम की क्लेम की राशि नहीं मिलेगी, उसके अंतर की राशि की भरपाई सरकार करेगी, लेकिन दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी अभी तक ना उन किसानों की सूची बन पाई है और ना उनको भुगतान हो पाया है। सरकार के सारे दावे झूठे साबित हुए हैं।
श्री कमलनाथ ने कहा कि संकट के इस दौर में सरकार के सारे त्रम्मिदार लोग किसानों को भगवान भरोसे छोड़ चुके हैं। किसान परेशान हो रहा है।