देहरादून : पुलिस ने समरजहां हत्याकांड का खुलासा कर दिया है। हत्या में दवा कारोबारी राकेश गुप्ता, उसकी पत्नी सीमा और बेटे कार्तिक की मिलीभगत सामने आई है। मां के कहने पर कार्तिक ने मुजफ्फरनगर के कुख्यात गैंगस्टर के गुर्गे मोमिन से संपर्क किया। मोमिन ने ही चार लाख में शूटर दिलवाया। इसके बाद 7 मई की रात सहस्रधारा रोड पर समर जहां को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। समरजहां पर फायर करने वाले शूटर तक पुलिस अभी नहीं पहुंच पाई है।
एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि समरजहां को लेकर गुप्ता परिवार में कड़वाहट तब और बढ़ गई थी जब आठ महीने पहले राकेश गुप्ता ने समर जहां को रुड़की शिफ्ट कर दिया और हर मंगलवार उससे मिलने आने के साथ खर्चे के तौर पर मोटी रकम देने लगा। परिवार को लगा इस तरह तो समरजहां एक दिन उसकी प्रॉपर्टी पर दावा करने लगेगी। इस बीच पता चला कि दवा कारोबारी राकेश गुप्ता ने समरजहां के नाम देहरादून में 25 लाख रुपए का एक फ्लैट बुक करा दिया है। इसके बाद गुप्ता परिवार में काफी झगड़ा हुआ, तब मामला शांत करने के लिए दवा कारोबारी ने अपने बेटे कार्तिक को भी देहरादून शिफ्ट करने का फैसला किया।
ताकि परिवार को यह न लगे कि वह अकेले समर के लिए ही सब कुछ कर रहा है। करीब 20 दिन पहले रेस्टोरेंट्स और बुटीक दोनों एक साथ खुले, लेकिन यहां समर अपनी बुटीक को संभालने के साथ-साथ रेस्टोरेंट में भी दखल देने लगी। समर वहां दिन भर होने वाली कमाई को बांट लेती, जिससे कार्तिक परेशान रहने लगा। यह बात जब दवा कारोबारी की पत्नी सीमा को चली तो उसने समर को रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया। एसएसपी ने बताया कि सीमा गुप्ता की सहमति मिलने के बाद कार्तिक ने मोमिन निवासी मुजफ्फरनगर से संपर्क किया। मोमिन ने शूटर का बंदोबस्त किया और उसे लेकर छह मई को देहरादून आया। यहां कार्तिक ने उसे समर जहां का फ्लैट और बुटीक भी दिखाया। इसके बाद सात मई की रात समर जहां की गोली मार कर हत्या कर दी गई।