हरिद्वार, संजय चौहान (पंजाब केसरी): उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में संसार के सबसे पुराने पद यात्रा मार्ग को जीवित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पांच हजार साल पहले पांडवों ने स्वर्ग जाने के लिए इस पदयात्रा मार्ग को चुना था। इस पदयात्रा मार्ग के जीवित होने पर उत्तराखंड के पर्यटन को नई पहचान मिलेगी।
गुरुवार को भागीरथी पर्यटक गृह के उद्घाटन कार्यक्रम में सतपाल महाराज ने कहा कि जब पांडव भगवान श्रीकृष्ण के पास गए तो उन्होंने युद्ध हत्या से मुक्त होने के लिए भगवान भोलेनाथ की पूजा करने और स्वर्ग जाने के लिए पांडवों को यह मार्ग सुझाया था। उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर संसार के इस सबसे पुराने पदयात्रा मार्ग को जीवित करने का कार्य किया जाएगा। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने अपने गुरु की प्रतिमा का अनावरण किया है। जिससे प्रेरणा लेकर उत्तराखंड में नाथ सर्किट भी बनाया जाएगा। जहां-जहां भी गुरु गोरखनाथ ने तपस्या की और जो-जो उनकी गुफाएं हैं। उन सभी गुफाओं को जोड़ते हुए नाथ सर्किट बनाया जाएगा। इसी के साथ ही यूपी सरकार के साथ मिलकर उनका प्रयास रहेगा कि केदारनाथ और काशी विश्वनाथ की यात्रा एक साथ हवाई जहाज से कराई जा सके। इसके लिए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दोनों ही राज्य की सरकारें और पर्यटन मंत्रालय मिलकर काम करेंगे।
सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड को ट्रिपल इंजन की सरकार का पूरा लाभ मिल रहा है। जिसके चलते उत्तराखंड की परिसंपत्तियों के विवाद का 95 प्रतिशत समाधान निकाल लिया गया है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकार मिलकर उत्तर टूरिज्म को बढ़ावा दिए जाने का भी कार्य करेगी। दोनों सरकारें मिलकर रामायण सर्किट, महाभारत सर्किट और उत्तराखंड के तमाम मंदिर को टूरिज्म से जोड़ने का कार्य भी करेगी।