मैसूर में मेडिकल स्टूडेंट के साथ हुए गैंगरेप के बाद मैसूर यूनिवर्सिटी के मानसगंगोत्री परिसर में शाम साढ़े छह बजे के बाद अकेली छात्राओं की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन अब प्रतिबंध लगाने वाला सर्कुलर वापस ले लिया गया है। कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री सी एन अश्वथ नारायण ने शनिवार को इसकी जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि यह सच है कि आमतौर पर यूनिवर्सिटी के परिसर बहुत बड़े होते हैं लेकिन छात्राओं की आवाजाही पर रोक लगाना सही नहीं है। नारायण ने यूनिवर्सिटी के कुलपतियों को सुरक्षा उपाय करने और सुरक्षित परिसर बनाने का निर्देश दिया।
मैसूर यूनिवर्सिटी ने 24 अगस्त को मैसूर के बाहरी इलाके में चामुंडी के पास एक कॉलेज छात्रा से गैंगरेप का मामला सामने आने के बाद शुक्रवार को यह कदम उठाया। यूनिवर्सिटी के सूत्रों ने कहा कि कुक्कराहल्ली झील परिसर में आगंतुकों का प्रवेश भी शाम साढ़े छह बजे के बाद प्रतिबंधित कर दिया गया।
सूत्रों ने कहा कि पुलिस के मौखिक निर्देशों के बाद ‘‘सुरक्षा और एहतियाती उपाय’’ के तहत कदम उठाए गए। उन्होंने बताया कि सुरक्षा गार्डों को शाम छह बजे से रात नौ बजे तक परिसर में गश्त करने को कहा गया है। नारायण ने रेप की घटना को ‘निंदनीय’ करार दिया और कहा कि इस मामले के कारण किसी को भी छात्राओं की स्वतंत्रता नहीं छीननी चाहिए।
मंत्री ने कहा, ‘‘उनकी (छात्राओं की) स्वतंत्रता का उल्लंघन किए बिना उन्हें सुरक्षा देना हमारी जिम्मेदारी है।’’ नारायण ने कहा, ‘‘विश्वविद्यालय परिसरों में अधिक चौकसी होनी चाहिए। इस संबंध में सरकार की ओर से पहले ही कदम उठाए जा चुके हैं। तकनीक के सहारे अब और कड़े उपाय किए जाएंगे।’’