World Rhinoceros Day पर असम में गैंडों के 2,479 सींग को जलाकर रख कर दिया गया। राज्य सरकार की और से किए गए इस कार्य का उद्देश्य, इस मिथक को दूर करना है कि गैंडों के सींगों में चमत्कारी औषधीय गुण होते हैं। दरअसल, सींगों के लिए इस विशालकाय जीव को मार दिया जाता है, जिसके कारण एक सींग वाले भारतीय गैंडों लुप्तप्राय श्रेणी में बने हुए हैं।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा, ‘‘हम दुनिया को एक कड़ा संदेश देना चाहते हैं कि सिर पर सींग के साथ जिंदा गैंडा हमारे लिए अनमोल है, न की मृत जानवर, जिनके सींग या तो शिकारियों द्वारा निकाल दिए जाते हैं या जो सरकारी खजाने में रखे गए हैं।’’
‘विश्व गैंडा दिवस’ के अवसर पर बोकाखाट में मुख्यमंत्री, वन एवं पर्यावरण मंत्री परिमल शुक्लाबैद्य और स्थानीय असम गण परिषद विधायक एवं कृषि मंत्री अतुल बोरा सहित कुछ मंत्रियों तथा वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में गैंडों के सींग को सार्वजनिक रूप से जलया गया। देश में इस तरह का यह पहला कदम है।
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि कि भारतीय कानूनों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में लोगों और सरकारों दोनों द्वारा शरीर के अंगों की बिक्री पर रोक है, चाहे वह मनुष्य के हो या पशुओं के… असम इसका पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कदम लुप्तप्राय एक सींग वाले भारतीय गैंडों के अवैध शिकार को रोकने के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के प्रयासों का हिस्सा है।