योगगुरू स्वामी रामदेव ने रविवार को कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय जल्द ही नालंदा और तक्षशिला की तर्ज पर एक वैश्विक स्वरूप लेगा जहां दुनिया भर से लोग शिक्षा ग्रहण करने आएंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की उपस्थिति में पतंजलि विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन में रामदेव ने कहा, ‘‘अभी तो यह पतंजलि विश्वविद्वालय का अभ्युदय स्वरूप है, बीज रूप है। आने वाले कुछ समय में यह ग्लोबल पतंजलि यूनिवर्सिटी बनने वाली है। यह दुनिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी होगी जहां एक लाख से ज्यादा छात्र सभी विषयों जैसे मेडिकल, इंजीनियरिंग, कृषि, प्रबंधन, कानून में शिक्षा हासिल करेंगे।'
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उन्होंने कहा, ' जैसे पहले भारत में पूरी दुनिया से नालंदा और तक्षशिला में लोग पढने आते थे तो अब नालंदा और तक्षशिला का नवाचार और नवातार पतंजलि की ओर से प्रस्तुत होगा।' रामदेव ने कहा कि हमारे बच्चों को आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका न जाना पड़े बल्कि पूरी दुनिया से लोग यहां शिक्षा—दीक्षा और संस्कार तथा सनातन संस्कृति के अध्ययन के लिए आएं, यही हमारा संकल्प और ध्येय है।
उन्होंने कहा कि पतंजलि आचार्यकुलम में छोटे बच्चे भी वेदांत, वेद दर्शन, उपनिषद, भगवद गीता, सांख्य योग के साथ ही तीन से पांच भाषाओं में भी पारंगत होकर आधुनिक विषयों को भी पढ रहे हैं। उन्होंने कहा, 'यह व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण की एक श्रृंखला है। योग, आयुर्वेद और स्वदेशी की क्रांति के बाद शिक्षा की क्रांति से एक नया इतिहास रचा जाएगा जिससे राष्ट्र गौरवान्वित होगा। ऐसी हमारी सेवा की यात्रा है।'