मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के युवा नेताओं ने नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) के प्रदर्शनकारियों पर विवादित टिप्पणी करने को लेकर पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के खिलाफ प्रथामिकी दर्ज करायी है। दिलीप घोष के खिलाफ प्राथमिकी हुगली और दार्जिलिंग जिले में दर्ज की गयी है। उनके भड़काऊ बयान को लेकर तीन दिन पहले तृणमूल कांग्रेस ने नदिया और उत्तरी 24 परगना जिले में प्राथमिकी दर्ज करायी थी।
माकपा की युवा शाखा डेमोक्रेटिक यूथ फेडेरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) के सिंगूर उत्तर स्थानीय समीति के सचिव सुमन पाल ने दिलीप घोष के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के भड़काऊ बयान के खिलाफ गुरुवार को सिलीगुड़ी पुलिस थाना में डीवाईएफआई के नेता सचिन खाती और सौराशीश रॉय ने एक प्राथमिकी दर्ज करायी है।
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उल्लेखनीय है कि दिलीप घोष ने गत 12 जनवरी को विवादित बयान देते हुए कहा था कि बीजेपी शासित राज्यों में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जिसने भी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था उसे कुत्ते की तरह गोली मारी गई थी जबकि प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करने का आदेश नहीं देने को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना भी की थी।
उन्होंने कहा था कि बंग्लादेश से आए घुसपैठिए संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में शामिल रहे हैं और राज्य सरकार ने उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की है। दिलीप घोष ने हालांकि अपने बयान का बचाव करते हुए कहा कि वह राष्ट्रहित में केवल अपनी पार्टी लाइन का अनुसरण कर रहे थे।