लुधियाना-अमृतसर : सरहद पार पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से अवैध तरीकों के जरिए भारत में घुसे आधा दर्जन पाकिस्तानी बाशिंदों को आज रिहा कर दिया गया। इनकी रिहाई अटारी-बाघा बार्डर के जरिए हुई। रिहा किए गए कैदियों में पिछले 13 सालों से अमृतसर की जेल में सजा काट रही मोहतरमा भी शामिल है। इसके अलावा 5 अन्य कैदी कैदियों का संबंध अमृतसर, जम्मू-कश्मीर की जेलों से था।
जिन्हें विभिन्न-विभिन्न वक्तों के जरिए दबोचकर जेलों में रखा जा रहा था। अमृतसर केंद्रीय जेल के सुपरीटेंड अर्शदीप गिल ने बताया कि अमृतसर की जेल से एक युवक और मोहतरमा शामिल है। जिनकी सजाएं पूरी हो चुकी है। पत्र व्यवहार करने के उपरांत पाकिस्तान सरकार द्वारा इनको अपने नागरिक माने जाने उपरांत आज जेल प्रशासन द्वारा इनको रिहा किया गया। पुलिस टीमों द्वारा समस्त कैदियों को बाघा बार्डर पर पाकिस्तानी रेंजरों के हवाले समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करने के बाद कर दिया गया।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक 13 साल पहले नशा तस्करी में पकड़ी गई मोहतरमा नसरीन अख्तर क ी जब रिहाई हुई तो उसने आसमां की तरफ देखते हुए भावुक होते कहा कि दोनों मुलकों के आवाम एक जैसे है और दोनों की सलामती के लिए वह खुदा से दुआएं मांगती है। रिहा होने और वतन वापिस लौटने के दौरान खुशी का इजहार करते हुए नसरीन अख्तर ने दोनों मुल्कों की जेलों में सजा काट रहे कैदियों की रिहाई के लिए दुआएं मांगते हुए कहा कि उनकी दिली तमन्ना है कि दोनों मुलकों के बाशिंदे उनकी ही तरह जल्द रिहा होकर घर वापिस लौट सकें। उसने अपनी कैद को गुजरा बुरा वक्त कहकर टालते हुए कहा कि अब वह मुडक़र उसे याद रखना नहीं चाहती।
नसरीन को अन्य कैदियों के साथ पाकिस्तान भेजा गया जो पंजाब और जम्मू-कश्मीर की विभिन्न जेलों में कई सालों से नजरबंद थे। स्मरण रहे कि नसरीन अख्तर कई सालों से नशा तस्करी के केस में अमृतसर की केंद्रीय जेल में सजा काट रही थी। हालांकि उसकी घोषित सजा की समय अवधि साढ़े 10 साल की थी परंतु कुछ कानूनी औपचारिकताओं और अड़चनों के चलते उसकी रिहाई 3 साल बाद नसीब हुई। अपने वतन पहुंचने से पहले नसरीन काफी भावुक नजर आई। नसरीन को 2006 में कस्टम विभाग ने अटारी रेलवे स्टेशन पर समझौता एक्सप्रैस में हेरोइन समेत गिरफतार किया था। रिहाई के उपरांत नसरीन ने यह भी कहा कि उसे बहुत खुशी है कि आज वतन वापसी के उपरांत वह अपने पारिवारिक सदस्यों को मिल सकेंगी।
उन्होंने जेल प्रशासन और जेल अधिकारियों का भी शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि जेल प्रशासन ने समय-समय पर उसे तमाम प्रकार की मदद की है। जेल के प्रमुख अधिकारी अर्शदीप सिंह गिल का कहना है कि अमृतसर की जेल से दो कैदियों को रिहा किया गया है, उनका व्यवहार जेल के अंदर बेहद ठीक था। नसरीन के अतिरिक्त दूसरे रिहा होने वाला कैदी अलताफ ने भी जेल प्रशासन को शुक्रिया कहा।
अलताफ को हिंदुस्तान की सुरक्षा एजेंसियों ने पासपोर्ट एक्ट के तहत गिरफतार किया था। इनके अतिरिक्त हारून अली जो जवेनाइलहोम जम्मू में नजरबंद था। मोहम्मद नदीम पूछ की जिला जेल में कैद काट रहा था और अख्तर उल इस्लाम तीली की सेंट्रल जेल कोटबलावत में नजरबंद था। इन सभी की रिहाई सजा पूरी होने के बाद हुई है।
– सुनीलराय कामरेड
अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें।