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स्कूल फीस को लेकर लिखा खून से भरा खत

पंजाब में ‘नो-फीस’ अभियान को लेकर जहां एक दिन पहले बच्चों और अभिभावकों ने स्कूलों के विरूद्ध थालियां खटखटाई वही आज लुधियाना में लोक इंसाफ पार्टी के चुनिंदा सदस्यों द्वारा मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार को भेज गए खून से भरे खत में गुहार लगाई है

लुधियाना :  पंजाब में ‘नो-फीस’ अभियान को लेकर जहां एक दिन पहले बच्चों और अभिभावकों ने स्कूलों के विरूद्ध थालियां खटखटाई वही आज लुधियाना में लोक इंसाफ पार्टी के चुनिंदा सदस्यों द्वारा मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार को भेज गए खून से भरे खत में गुहार लगाई है कि देश के भविष्य की खातिर विद्यार्थीयों के अभिभावकों से जबरी फीस के नाम पर वसूली ना की जाएं। लिप के सदस्यों ने जिला प्रशासन को अपने खून से भरा खत लिखते हुए आरोप लगाया कि लॉकडाउन और कफयू के दौरान ही स्कूल प्रबंधकों द्वारा टयूशन फीस के नाम पर छात्रों से भारी रकम वूसल किए जाने का षडयंत्र किया जा रहा है, जिस पर अभिभावकों के कंधों पर आर्थिक बोझ बढ़ा है। हालाङ्क्षक कोरोना की महामारी के दौरान काम धंधा चौपट पड़ा है और अभिभावक भी इन दिनों मानसिक तनाव में गुजार रहे है। 
लोक इंसाफ पार्टी के गगनदीप सिंह सन्नी केंथ ने विद्यार्थीयों को लेकर अपना ज्ञापन एडीसी इकबाल सिंह संधू को सौंपा। उन्होंने कहा कि सूबे में बड़ी-बड़ी फैक्ट्रीयों पर ताले लटके है। दुकानेे, शोरूम और छोटी-छोटी इकाईयों समेत अधिकांश लोगों का कारोबार ठप पड़ा है, ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति के लिए दो जून की रोटी भी नसीब नहीं हो रही जबकि दूसरी तरफ समस्त स्कूल प्रबंधक विद्यार्थियों के मां-बाप से अप्रैल,मई और जून महीने की फीसे समेत ट्रांसपोर्ट हर्जाना और अन्य कई प्रकार के चार्ज लगाकर जमा किए जाने का दबाव बना रहे है। जबकि कुछ स्कूल प्रबंधकों ने विद्यार्थियों के नाम काटने तक की धमकी दी है जबकि अनेक विद्यार्थियों के मां-बाप अपने बच्चों का भविष्य देखते हुए स्कूलों की शिकायतें करने से गुरेज कर रहे है। उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को अपने खून से भरे खत लिखकर भेजे जाने की मंशा जाहिर करते कहा कि मुख्यमंत्री सूबे के समस्त विद्यार्थी और स्कूलों के लिए एक  ही कानून का सहारा लेते हुए स्कूलों को अप्रैल-मई और जून की फीसों के साथ अगर लॅाकडाउन आगे बढ़ता है तब तक फीसे ना लेने का हुकम जारी करके समस्त अभिभावकों को राहत दे। 
स्मरण रहे कि पंजाब के शिक्षामंत्री विजयइंद्र सिंगला ने भी स्कूल प्रबंधकों को अन्य खर्चे छोडक़र सिर्फ टयूशन फीस वह भी मासिक आधार पर लिए जाने की हिदायतें दी है।
– रीना अरोड़ा

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