लुधियाना-फतेहगढ़ साहिब : शहादत का इतिहास कायम करने वाली फतेहगढ़ साहिब की धरती पर तीन दिवसीय शहीदी जोड़ मेला विशाल शहीदी नगर कीर्तन के गुरूद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब से गुरूद्वारा श्री ज्योति स्वरूप साहिब में पहुंचने पर अरदास के उपरांत रस्मी तौर पर संपन्न हुआ।
इस शहीदी नगर कीर्तन में लाखों की संख्या में संगत ने शमूलियत की। शनिवार को बेशक तापमान गिरता रहा। लेकिन शहीदों को नमन करने के लिए संगत का वैराग बढ़ रहा था। जैसे-जैसे दिन निकलता गया, वैसे-वैसे भीड़ कम होने की बजाय ज्यादा होती गई। पहले दिन के मुकाबले दोगुना और फिर आज चौगुनी भीड़ दिखी। चारों दिशाओं से संगत इस धरती पर नतमस्तक होने उमड़ रही थी।
सरबंस धानी श्री गुरू गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह समेत माता गुजरी जी की याद में गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब, भोरा साहिब और गुरुद्वारा ठंडा बुर्ज में माथा टेकने के लिए एक श्रद्धालु को करीब पांच घंटे लगे। वहीं नतमस्तक होने के बाद जो संगत गुरुद्वारा श्री ज्योति स्वरूप साहिब माथा टेकने जा रही थी तो उन्हें पूरा दिन माथा टेकने को लगा।
सिख जत्थेबंदियों, धार्मिक सभा सोसायटियों और संगत के सहयोग से सजे इस नगर कीर्तन सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब के मुख्य गं्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी जगतार सिंह, एसजीपीसी प्रधान भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल, श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह, तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह, दमदमी टकसाल के प्रमुख बाबा हरनाम सिंह, शिरोमणि बुडढा दल के प्रमुख बाबा बलबीर सिंह, तरूणा दल के प्रमुख बाबा निहाल सिंह हरियावेला, दल बाबा विधिचंद के प्रमुख बाबा अवतार सिंह सुरसिंह समेत बड़ी संख्या में प्रमुख शख्सियतों ने शमूलियत करके साहिबजादों को श्रद्धा और सत्कार भेंट किया।
इसके अतिरिकत लाखों की संखया में संगत भी नगर कीर्तन में शामिल होने के लिए फतेहगढ़ साहिब की धरती पर पहुंची हुई थी। इस दौरान सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह, एसजीपीसी प्रधान गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने पंाच प्यारों और निशानचिही सिंहों को सिरौपे भेंट किए। नगर कीर्तन में अलग-अलग स्कूलों के विद्यार्थी और गतका अखाड़ों ने सिख मार्शल आर्ट गतका के जौहर दिखाएं।
– सुनीलराय कामरेड