लुधियाना-संगरूर : आम आदमी पार्टी (आप) के सीनियर नेता और विरोधी पक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब में नशे की ओवरडोज से हुई अन्य तीन मौतों पर गहरा दुख और चिंता प्रकट करते कहा कि मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह को राज्य से नशे और नशे के तस्करों के साथ निपटने के लिए राजनैतिक मित्रता छोड़ कर सख्त और निर्णायक इच्छा शक्ति दिखानी पड़ेगी, क्योंकि नशे के तस्कर राजनैतिक सरप्रस्ती और पुलिस की मिली भुगत के बिना यह काला धंधा नहीं कर सकते।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि ज़ीरा के गाँव मोहर सिंह वाला के 20 वर्षीय नौजवान रमन सिंह, बठिंडा के गांव सलाबतपुरा के जगदीप सिंह (30) और मोगा के गांव डाला के 31 वर्षीय नौजवान अमरजीत सिंह की नशे के ओवरडोज़ से हुई मौतों ने कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार के राज खोल कर रख दिए हैं। चीमा ने कहा कि यह लगातार मर रही जवानी के दुखांत की दास्तां है। अभी एक सप्ताह पहले संगरूर के खनौरी कसबे के गरीब दिहाड़ीदार गुरदीप सिंह ने चिट्टे की ओवरडोज से अपना दूसरा 17 वर्षीय का पुत्र सदा के लिए गवा दिया, जबकि एक साल पहले उस ने अपना 21 वर्षीय बड़ा पुत्र खो दिया था।
चीमा ने कहा कि नशे की बेरोक-टोक तस्करी और होम डिलीवरी को जब तक कुचला नहीं जाता तब तक पंजाब को नशे से मुक्त करना संभव नहीं। चीमा ने कहा कि नशे और नशा तस्करों का कहर सिर्फ पंजाब तक सीमित नहीं रहा। ताजा रिपोर्टों ने हरियाणा की भाजपा सरकार की भी पोल खोली है। जहां नशा तस्करों ने स्कूली विद्यार्थियों को अपने जाल में फसा लिया है। 2016 से 18 तक सिर्फ रोहतक में ही 10 से 19 साल के 268 बच्चे इलाज के लिए रजिस्टर्ड हुए, जबकि पंजाब सरकार की तरफ से चलाए जा रहे 178 ओट (आउटडोर ऐपियड असिस्टेंट ट्रीटमेंट) क्लिनिकों में हाल ही दौरान तीन हजार से अधिक नए नशे के मरीज रजिस्टर्ड हुए हैं।
– रीना अरोड़ा