पंजाब कांग्रेस में इन दिनों आंतरिक कलह का दौर जारी है, दूसरी तरफ कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। मालूम हो कि पंजाब में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने है, इसी को लेकर सियासी हलचलें थोड़ी ज्यादा हो रही है। वहीं, दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी (आप) भी पंजाब में धीरे-धीरे अपने लिए राजनीतिक पैठ बना रही है।
इसी कड़ी में (आप) नेता और पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने आज स्पष्ट किया कि आगामी विधानसभा चुनाव पार्टी अपने बूते पर लड़ेगी और किसी अन्य राजनीतिक दल से गठजोड़ नहीं करेगी। चीमा ने यहां कहा कि जो राजनीतिक दल आप से हाथ मिलाना चाहे, उसे आप के चुनाव चिन्ह पर लड़ना होगा। चीमा ने प्रदेश में धान के मौसम में बिजली की समस्या पर बात करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है।
उल्लेखनीय है कि कृषि कानूनों के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से अलग होने के बाद शिरोमणि अकाली दल बहुजन समाज पार्टी से गठजोड़ कर चुका है और भाजपा भी अकेले सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी है यानी पंजाब के आगामी विधानसभा चुनावों में बहुकोणीय मुकाबला होने वाला है।