उड़ता पंजाब : कबड्डी खिलाड़ी ने फांसी का फंदा लगाकर की आत्महत्या , वही दूसरी तरफ नशे की लत में पड़ी जवां बेटी को जंजीर में जकड़ा - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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उड़ता पंजाब : कबड्डी खिलाड़ी ने फांसी का फंदा लगाकर की आत्महत्या , वही दूसरी तरफ नशे की लत में पड़ी जवां बेटी को जंजीर में जकड़ा

पंजाब में नशों का छठा दरिया बहने के दौरान हर रोज कही ना कही से जवां मोतों की खबरें मिलती रहती है, इसी के बीच आज गुरू की नगरी के नाम से विख्यात अमृतसर में एक ऐसा मामला सामने आया है

लुधियाना-अमृतसर : पंजाब में नशों का छठा दरिया बहने के दौरान हर रोज कही ना कही से जवां मोतों की खबरें मिलती रहती है, इसी के बीच आज गुरू की नगरी के नाम से विख्यात अमृतसर में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें 24 वर्षीय नौजवान युवती को नशों से दूर रखने के लिए मां -बाप समेत समस्त परिजनों ने उसे लोहे की जंजीर से बांधकर घर की दहलीज में बंद किया है। 
दूसरी तरफ मोगा के इलाके में 22 वर्षीय जगतार सिंह जो होनहार कबड्डी खिलाड़ी था, ने नशे की लत को पूरा करने के लिए बाप द्वारा रूपए देने से इंकार करने पर मां-बाप को पीट-पीटकर घर से निकाला, तो पीछे से नशेड़ी ने गुस्से में आकर ना केवल घर के समस्त सामान की तोडफ़ोड़ की बल्कि आग लगाकर स्वयं ही फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। 
प्राप्त जानकारी के मुताबिक गांव नथो के निवासी जगतार सिंह जो इलाके के कबडडी खिलाडिय़ों में कभी शुमार था  और 4 साल पहले उसके मां-बाप ने सुधर जाने के अंदेशे के चलते शादी कर दी किंतु चिटटे का नशा ऐसा चढ़ा कि शादी के एक साल बाद उसकी बीवी उसे छोडक़र मायके चली गई और बाद में तलाक हो गया। 
जगतार सिंह ने उसी गम में नशे की मात्रा बढ़ाई तो मां-बाप समेत अन्य रिश्तेदारों के समझाने का असर उसपर नहीं हुआ। यह भी पता चला है कि युवक  के पिता नैब सिंह, बेटे को नशा करने से रोकते तो उनकी भी जवान बेटा पिटाई करने से गुरेज ना करता। नैब सिंह के मुताबिक जगतार सिंह ने नशा करने के बाद रात को अपनी मां अमरजीत कौर और उनकी बुरी तरह पिटाई की तो वे दोनों जगतार को घर में अकेला छोडक़र रिश्तेदारों के यहां चले गए तो अगले दिन जगतार द्वारा फंदा लगाकर आत्महत्या किए जाने की खबर मिली। 
उधर अमृतसर स्थित रंजीत एवन्यू में 24 वर्षीय यवुती को लोहे की जंजीरों में ताले सहित बंद करके घर की दहलीज के अंदर रखा जा रहा है। इस बाबत इलाके के सांसद गुरमीत सिंह ओजला को पता चला तो वह भावुक होकर मोके पर पहुंचे।
उन्ही के सामने युवती ने कबूल किया कि कुछ समय पहले उसके पिता का देहांत हो गया तो वह मां का सहारा बनने और महंगाई के युग में रोजगार की तलाश में चंडीगढ़ गई थी, जहां ब्यूटी पार्लर के काम के दौरान उसकी संगती इलाके की धनाढय युवतियों से हुई जो पहले से ही नशे की आदी थी, इसी बीच काफी ना-नुकर के बाद उन्ही की संगत में रहते हुए उसे भी नशे की लत लग गई और आज नौबत यह आ गई कि वह ना चाहते हुए भी इस नशे से छुटकारा नहीं पा रही। हेरोइन के नशे ने उसकी जिंदगी को नारकीय बना दिया। छह बहनों में सबसे छोटी यह युवती अब जंजीरों में जकड़े जाने के बाद नशे के लिए तड़प रही है।
युवती को जंजीर में बांधकर रखने की सूचना मिलने पर उसके घर पहुंची पुलिस टीम ने उसकी मां से इस बारे में पूछताछ की। मां ने कहा कि बेटी को जंजीरों में बांधना उसकी मजबूरी है। वह किसी भी समय घर से निकल जाती थी और नशा करके ही लौटती थी। उन्हें डर था कि नशे के लिए वह कोई गलत कदम न उठा ले। उसका इलाज भी करवाया  लेकिन हालत नहीं सुधरी। उसकी नशे की लत लगातार बढ़ रही है।
युवती ने मीडिया के सामने मुंह छिपाते हुए यह भी बताया कि इसी कम्बख्त नशे के कारण उसने ना केवल अपनी जिंदगी भर की कमाई गंवाई है बल्कि मां-बाप के पैसों को भी उजाड़ा है। उसने यह भी कहा कि वह नशे की जरूरत को पूरा करने के लिए कई बार घर से भागकर जा चुकी है और घर का कीमती सामान तक उसने बेचा है। बहरहाल जवान बेटी को बचाने के लिए मां ने परिजनों की सलाह पर लोहे की जंजीरों से बांधकर रखा हुआ है। 
इसी संबंध में सांसद सदस्य गुरमीत सिंह ओजला ने कहा कि मुंहबोलती नशे की तस्वीरों को साथ लेकर वह मुख्यमंत्री केप्टन अमरेंद्र सिंह से मिलेंगे और समस्त हकीकत का सामना करते हुए उच्च अधिकारियों को भी अवगत करवाएंगे। सासंद ने यह भी कहा कि अब वक्त आ चुका है कि पंजाब की जवानी को इस नशे की गर्त में डूबने से बचाना है। अगर वक्त रहते ना संभले तो शायद बहुत देर हो जाएंगी। 
उधर युवती ने गंभीर आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि नशे केंद्रों में ना ही उचित इलाज मुहैया करवाया जा रहा है और ना ही प्रबंधकों का नशेडिय़ों के प्रति उचित व्यवहार है। बड़े पैमाने पर नशा केंद्रों में रूपए एठेने का धंधा चल रहा है।  उसका यह भी कहना था कि अगर उसे नशा ना मिले तो उसकी जिंदगी मौत से भी बदतर लगती है और वह मौत से बचने के लिए नशे का सेवन करने को मजबूर है। 
– सुनीलराय कामरेड

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