लुधियाना-अमृतसर : शिरोमणि अकाली दल का 97वां स्थापना दिवस मनाने के लिए आज गुरू की नगरी अमृतसर में इकटठे हुए बादल समर्थकों ने जहां दल के इतिहास और उपलब्धियों का जिक्र करके वारिस बनने की कोशिश की वही उन्होंने संदेश भी दिया कि आने वाले दिनों में दल को मजबूत करने के लिए ठोस उपाय किए जाएंगे। प्रवक्ताओं ने आशा भी प्रकट की कि देश की आजादी से पहले और बाद में लड़ी गई हर जंग में अकाली दल जिस प्रकार विजेता रहा है और आने वाली 20-20 विधानसभा में वह पुन: विजेता रहेंगे। दिल्ली कमेटी के प्रधान मंजीत सिंह जीके ने ऐलान किया कि अगले साल अकाली दल का 2018 का स्थापना दिवस दिल्ली में मनाया जाएंगा।
इस दौरान मंजीहाल में मौजूद पार्टी आगुओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री व अकाल दल के संयोजक प्रकाश सिह बादल ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल की स्थापना जबर व जुलम के खिलाफ चले संघर्ष में से हुई है। आज भी अकाली दल समय समय की सरकारों की ओर से चलाए जा रहे जबर व जुलम के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए पंजाबियों का नेतृत्व कर रहा है। अकाली दल अपनी कुर्बानियों का लम्बा एतिहास संभाले हुए है। जिस पर प्रत्यक अकाली वर्कर गर्व करता है। बादल गुरूवार को श्री हरिमंदिर साहिब स्थित दीवान मंजी साहिब हाल में आयोजित पार्टी के 97 वें स्थापना दिवस के अवसर पर संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में अकाली दल का समूह नेतृत्व और एसजीपीसी के पदाधिकारी, कर्मचारी और अकाली दल के वर्कर बड़ी संख्या में शामिल हुए।
बादल ने कहा कि अकाली दल में देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सिखों ने आजादी की लड़ाई में बड़ी कुर्बानियां दी है। अकाली दल ने ही चाब्बियां वाला मोर्चा शुरू करके महंतो से सिख धार्मिक स्थानों को खाली करवाया था। इस में अकाली दल की मुख्य भूमिका रही है। जब अंग्रेजों की ओर से गुरूद्वारा साहिबों से महंता को अकाली दल ने मोर्चे लगा कर हटा दिया था तो तब महात्मा गांधी ने कहा कि देश आजादी की आधी जंग जीत गया है।
बादल ने कहा कि आजादी के बाद भी अकाली दल ने पंजाब की मांगाों को लेकर जंग जारी रखी और पंजाबी सूबा की स्थापना करवाई । आज भी अकाली दल चंडीगढ़ पंजाब को देने, पंजाब के पानियों पर पंजाब का अधिकार, पंजाबी बोलते इलाके पंजाब को सौंपे जाने के लिए आवाज बुलंद कर रहा है। इंमरजैसी के दौर में भी अकाली दल की भूमिका इतिहास का हिस्स है। अकाली दल व्यक्ति की आजादी के आज भी आवाज बुलंद कर रहा है।
अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने संबोधित करते हुए कहा कि अकाली दल की ओर से पहले विदेशी शक्तियों के खिलाफ आवाज बुलंद की थी अब कांग्रेसी सत्ताधारियों के खिलाफ आवाज बुलंद कर रही है। राज्य में कांग्रेसी अत्याचारों के खिलाफ संघर्ष को तेज करने के लिए अकाली दल राज्य के प्रत्येक गांव में दस— दस वालंटियरों को तैयार कर रहा है। जो कांग्रेस के जुलम और जबर के खिलाफ आzवाज उठाएंगे।
पंजाब में अगर एक भी अकाली वर्कर पर अत्याचार हुआ तो मैं सब से आगे होकर आंदोलन का नेतृत्व करूंगा। सुखबीर ने कहा कि जल्दी ही अमृतसर में अकाली दल का कार्यालय स्थापित किया जाएगा। चंडीगढ़ में अकाली दल के इतिहास को प्रदर्शन करने के लिए म्यूजियम स्थापित किया जाएगा। जिस पर काम शुरू कर दिया गया है। इस लिए देश व विदेश में जिस भी अकाली वर्कर के पास अकाली दल के आंदोलनों के दस्तावेज और तस्वीरें मौजूद है। वे इस म्यूजिमय के लिए पार्टी को सौंपे। उन्होंने कहाकि कांग्रेस ने हमेशा ही अकाल दल को कमजोर करने के लिए साजिशे की है। अकाली दल में फूट डाली गई है। अंग्रेजों की विभाजित करो और राज करो की नीति आज भी कांग्रेस सिखों और अकालियों पर लागू कर रही है। उन्होंने कहा कि अकाली दल के 21 वर्षों के राज कार्यकाल में 19 वर्ष प्रकाश सिह बादल मुख्यमंत्री रहे है। राज्य का सब से अधिक विकास अकाली दल के राज कार्यकाल में हुआ है। पंजाब में सामाजिक विकास भी सब से अधिक अकाली शासन के दौरान ही हुआ है।
सुखबीर ने कहा कि अकाली दल का 100 वां स्थापना दिवस 2020 में बड़े स्तर पर आयोजित किया जाएगा। जिस में देश व विदेशों से वर्कर शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी के विद्यार्थी विंग का जल्दी ही पुर्नगठन किया जा रहा है।और इसे शक्तिशाली बनाया जाएगा। इस अवसर पर अकाली दल दिल्ली के नेता मंजीत सिंह जीके, रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा, डा दलजीत सिंह चीमा, बीबी हरसिमरत कौर बादल , महेश इंद्र सिह ग्रेवाल, एसजीपीसी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल , रंजीत सिह ब्रह्मपुरा, सिकंदर सिंह मलूका, सुखेदव सिंह ढींडसा , बलविंदर सिंह बूंदड, अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह आदि भी मौजूद थे।
अधिक जानकारियों के लिए यहाँ क्लिक करे
– सुनीलराय कामरेड