अमृतसर : भारी सुरक्षा बंदोबस्त के तहत केंद्र सरकार के हिंदु राष्ट्र एजेंडे के खिलाफ पंजाब के पंथक दलों जिनमें शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) और दल खालसा की तरफ से गणतंत्रता दिवस से ऐन पूर्व दिए गए पंजाब बंद का असर सूबे में बेअसर दिखा। हालांकि कुछ इलाकों से बंद मिला-जुला रहा। जबकि इस बंद के विरोध में शिवसेना (हिंदू) समेत कई हिंदू संगठनों ने खुलकर विरोधता दर्ज करवाई। इस दौरान पंजाब भर के समस्त जिलों और कस्बों में पुलिस प्रशासन मुस्तैद दिखा। मोदी सरकार के हिंदू राष्ट्र बनाने के विरोध में दिए गए पंजाब बंद के आहवान के अंतर्गत कस्बा महलकलां मुख्य चौक पर तीन घंटों तक सिखों ने ट्रैफिक जाम करके रोष प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर अलग-अलग प्रवक्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कानून सी.ए.ए, एनआरसी को अलप संख्यकों को खत्म करने की एक साजिश बताया। सरकार द्वारा देश की गिरती जा रही आर्थिकता को बचाने, बेरोजगारी, भूखमरी, महंगाई को रोकने के लिए कोई ठोस नीति ना होने की निंदा करते कहा गया कि नागरिक कानून और सीएए जैसे मुददे उठाकर असल मुददों से जनता का ध्यान हटाने के लिए ऐसी साजिशें चली जा रही है। इससे पहले भी मोदी सरकार द्वारा लिए गए नोटबंदी और जीएसटी जैसे फैसलों का नुकसान देश के लोगों को भुगतना पड़ा है।
उधर औद्योगिक नगर लुधियाना में अन्य जिलों की तरह बंद का कोई भी असर देखने को नही मिला। इस अवसर पर जनजीवन रोजमर्रा की तरह चलता दिखा और व्यापारी घराने और स्कूल आम दिनों की भांति खुले हुए थे। जबकि शाहीना के नजदीक औद्योगिक कस्बे पंखेकेंचिया में शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के कार्यकर्ताओं द्वारा नैशनल हाईवे पर चक्का जाम करके धरना प्रदर्शन किया गया। इस धरने में सिखों के अलावा मुस्लिम भाईचारे के अतिरिक्त अलग-अलग जत्थेबंदियों के आगुओं ने भी शमूलियत की। जबकि दल खालसा और खालसा संघर्ष जत्थेबंदियों द्वारा नागरिकता संशोधन कानून अल्प संख्यकों के ऊपर किए जा रहे हमलों के खिलाफ दिए गए बंद के आहवान को कस्बा चौगावां और लोपोके में भरपूर असर देखने को मिला। खालसा संघर्ष जत्थेबंदी पंजाब के प्रमुख बाबा गजन सिंह की अगुवाई में चौगवां चौराहे पर इसके खिलाफ भारी रोष प्रकट किया।
अलग-अलग प्रवक्ताओं ने कस्बे में बंद रखे जाने पर समूह दुकानदारों और कारोबारियों का धन्यवाद किया गया वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा समेत कांग्रेस सरकार की सख्त शब्दों में निंदा की गई। जबकि पंजाब में विभिन्न गर्मख्याली सिख संगठनों के बंद का कोई खास असर नहीं हुआ है। बंद के समर्थकों ने राज्य में विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन किया और बाजार व यातायात बंद कराने की कोशिश की। राज्य में अधिकतर स्थानों पर बंद पूरी तरह बेअसर है। दुकानें और प्रतिष्ठान आम दिनों की तरह खुली हुई हैं और सडक़ों पर यातायात भी सामान्य है। कुछ जगहों पर सिख संगठनों ने जबरन बाजार बंद कराने की कोशिश की, लेकिन मोके पर तैनात पुलिस ने इसे विफल कर दिया।
इसके साथ ही कई जगहों पर बंद के विरोध में प्रदर्शन किया गया। बंद के मद्देनजर राज्य में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। होशियारपुर में बंद के समर्थक और इसका विरोध कर रहे संगठन आमने-सामने आ गए। इससे तनाव पैदा हो गया। भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया।बंद के दौरान कुछ जगहों पर विभिन्न गर्मख्याली सिख और मुस्लिम भाईचारा संगठनों, अंबेडकर फोर्स, श्री गुरूरविदास फोर्स, भगवान वाल्मीकी धर्म रक्षा संघ और क्रिश्चयन नैशन फ्रंट के आगुओं और कार्यकर्ताओं द्वारा बाजार को बंद करवाने का प्रयास किया गया वही भाजपा और हिंदु संगठनों के आगुओं ने बंद करवा रही जत्थेबंदियों का डटकर विरोध किया,जिस कारण शहर में कुछ समय के लिए स्थिति तनावपूर्ण बनी। हालांकि यातायात व्यवस्था रोजमर्रा की तरह चलती दिखी। जिला पुलिस द्वारा मुस्तैदी के साथ स्थान-स्थान पर कानून व्यवस्था काबू बनाए रखने के लिए नाके लगाए गए थे।
होशियारपुर में बंद के समर्थन में प्रदर्शन किया जा रहा था तो कई संगठनों के सदस्य बंद के विरोध में सडक़ों पर आ गए। इस दौरान बंद के समर्थन और विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोग आमने-सामने हो गए। उनमें भिड़ंत हो जाने से तनाव की स्थिति पैदा हो गई। भारी पुलिस बल ने तुरंत मोर्चा संभाल लिया और हालत को नियंत्रित किया।अमृतसर, मुक्तसर साहिब, गुरदासपुर, लुधियाना, जालंधर, तरनतारन, फतेहगढ़ साहिब और पठानकोट सहित पूरे राज्य में बाजार खुले हुए हैं। बाजारों में और सडक़ों पर अन्य दिनों की तरह ही चहल-पहल है। अमृतसर शहर में सुबह से ही बंद को कोई समर्थन मिलता नहीं दिखाई दिया। व्यापारियों ने अपने कारोबार रोज की तरह खोल हुए हैं और यातायात भी सामान्य है।बंद के मद्देनजर अमृतसर पुलिस की ओर से फ्लैग मार्च भी किया गया।
पंजाब बंद का सीमावर्ती इलाके तरनतारन, अजनाला, पटटी और गुरदासपुर में कोई असर नहीं हुआ। शहर में बाजार खुले हुए हैं और सडक़ों पर भी सामान्य दिनों की तरह चहल-पहल है। विभिन्न बाजारों और चौकों पर पुलिस दल तैनात हैं। पुलिस टीमें वाहनों की चेकिंग भी कर रही हैं। कई बाजारों में महिला पुलिसकर्मी भी तैनात थे।बरनाला में सिख संगठनों व मुस्लिम भाईचारा संगठनों ने खुले बाजारों को बंद करवाया, लेकिन बाद में पुलिस के पहुंचने पर दुकानों खुल गईं। बंद समर्थकों ने शहर में प्रदर्शन किया। बठिंडा में भी बंद के आह्वान का कोई असर नहीं हुआ और दुकानें व प्रतिष्ठान खुले रहे। सडक़ों पर भी यातायात सामान्य दिनों की तरह दिखा।
पठानकोट में भी पंजाब बंद का कोई असर नहीं हुआ। बाजार खुले हैं, सडक़ एवं रेल सेवाएं सुचारू हैं। किसी भी संगठन ने अभी तक प्रदर्शन नहीं किया है। जिला गुरदासपुर में भी बंद का कोई असर नहीं है। सभी बाजार खुले हुए हैं। कुछ सिख संगठनों के सदस्यों ने बंद के समर्थन में प्रदर्शन किया। फतेहगढ़ साहिब में भी बंद का कोई असर नहीं है। बाजार खुले हुए हैं। रेल और सडक़ यातायात भी सामान्य है। फाजिल्का में भी बंद का कोई असर नहीं हुआ। रोजाना की तरह ही बाजार खुले हुए हैं।
-सुनीलराय कामरेड