प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारतीय सशस्त्र बलों की सफलता और हाल ही में जवानों की शहादत को चुनाव प्रचार के दौरान उठाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराई और ‘आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए’ मोदी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
महाराष्ट्र में मोदी के भाषण को ‘शर्मनाक’ करार देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘यह स्पष्ट रूप से आचार संहिता का उल्लंघन है, जो कि स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव की रीढ़ है।’ उन्होंने कहा, ‘इस तरह की घटनाओं को पकड़ पाने में आयोग की विफलता उसके पक्षपाती रवैये को दिखाती है।’
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मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा को लिखे अपने पत्र में अमरिंदर ने प्रधानमंत्री द्वारा पहली बार वोट देने जा रहे युवाओं को लुभाने के लिए पुलवामा हमले में शहीदों के बलिदान और भारतीय वायुसेना द्वारा बालाकोट में हवाई कार्रवाई की सफलता का उपयोग करने पर कड़ा विरोध जताया।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा, ‘प्रधानमंत्री जैसे पद पर बैठे व्यक्ति को क्या इस तरह के शर्मनाक कार्यो में लिप्त होना चाहिए, जिससे चुनाव की लोकतांत्रिक प्रक्रिया का मखौल उड़ता हो और चुनाव आयोग के साथ-साथ सशस्त्र बलों की स्वतंत्रता भी कमजोर होती हो। यह संस्थान हमेशा अपने धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर गर्व करते रहे हैं।’
अमरिंदर ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री को इस तरह के हानिकर व्यवहार में शामिल होने की इजाजत देने और पिछले कई हफ्तों से आचार संहिता के इस तरह के उल्लंघन को रोकने के लिए चुनाव आयोग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।’
अमरिंदर ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री को सुरक्षाकर्मियों के बलिदान की इतनी ही चिंता है, तो उन्हें अपने निहित स्वार्थ के लिए उनकी शहादत का फायदा उठाने के बजाय प्रत्येक शहीद के परिवार को एक करोड़ रुपये के मुआवजे की घोषणा करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने सीईसी से ‘सत्तारूढ़ दल और उसके नेताओं द्वारा आचार संहिता के इस प्रकार के घोर उल्लंघन’ को तत्काल रोकने के लिए व्यक्तिगत हस्तक्षेप की भी मांग की।