गन्ने की बकाया राशि की मांग को लेकर किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी ने अमृतसर-जम्मू रेलवे ट्रैक किया जाम - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

गन्ने की बकाया राशि की मांग को लेकर किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी ने अमृतसर-जम्मू रेलवे ट्रैक किया जाम

गन्ने की बकाया, नुकसानी फसलों का मुआवजा और फ सलों के पूरे भाव व कर्जा माफी की मांग को लेकर किसान – मजदूर संघर्ष कमेटी द्वारा आज रेलवे ट्रेक जाम किया गया, जिस कारण अमृतसर-जम्मू रेल मार्ग काफी प्रभावित हुआ।

लुधियाना-गुरदासपुर :  गन्ने की बकाया, नुकसानी फसलों का मुआवजा और फ सलों के पूरे भाव व कर्जा माफी की मांग को लेकर किसान – मजदूर संघर्ष कमेटी  द्वारा आज रेलवे ट्रेक जाम किया गया, जिस कारण अमृतसर-जम्मू रेल मार्ग काफी प्रभावित हुआ। 
किसान मजदूर संगठनों के कार्यकर्ताओं ने जमकर रोष प्रदर्शन किया और प्रदर्शन करते हुए गुरदासपुर के श्री हरगोबिंदपुर रोड के निकट स्थित रेलवे ट्रेक पर बैठ गए और धारीवाल से आने वाली ट्रेन का रास्ता रोक दिया। गन्ना किसानों ने पनियाड शुुगर मिल के सामने गेट बंद कर भी प्रदर्शन किया।
किसान नेताओं ने बताया कि वर्ष 2018-19 से वह गन्ने की बकाया राशि के लिए तड़प रहे हैं। सरकार उनकी मांग को अनसुना कर रही है। बार-बार उन्हें बकाया भुगतान का आश्वासन दिया जा रहा है, लेकिन उनका भुगतान नहीं किया जा रहा। मजबूरन उन्हें अपना काम छोडक़र सडक़ों पर उतरना पड़ रहा है।
स्मरण रहें, किसान अपनी मांग को लेकर डीसी कार्यालय समक्ष दो दिन से धरना दे रहे थे। गत दिवस उनकी इस संबंध में डीसी मोहम्मद इशफाक के साथ बैठक भी हुई। मीटिंग में डीसी ने किसानों की सहमति नहीं जताने के बाद आक्रोश में आए किसानों ने शुक्रवार को रेल रोकने की चेतावनी दी हुई थी। किसानों का कहना है कि आखिर कब तक हमारा शोषण होता रहेगा। हमारी अधिकारिक मांगों को न तो सरकार स्वीकार कर रही है और न ही अधिकारी। गन्ने का बकाया नहीं दिया जा रहा है। इस कारण किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैंं।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर, बख्शीश सिंह सुलतानी, रणबीर सिंह डुग्गरी व सुच्चा सिंह बलग्गन ने कहा कि चाहे जो मर्जी हो जाए, किसानों का संघर्ष थमने वाला नहीं है। हर बार अधिकारियों द्वारा उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन तो दिया जाता है, लेकिन उनकी मांगों को लागू नहीं किया जाता है। इस बार भी उनकी डीसी मोहम्मद इशफाक से गत दिवस शाम चार से छह बजे तक दो घंटे लगातार मांगों पर बातचीत चली, लेकिन डीसी द्वारा उनकी किसी भी मांग को स्वीकार नहीं किया गया।
– सुनीलराय कामरेड

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

seven + four =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।