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पंजाब पुलिस को मिली बड़ी सफलता, भगोड़े अमृतपाल का साथी जोगा सिंह सरहिंद से गिरफ्तार

पंजाब पुलिस ने अलगाववादी अमृतपाल सिंह को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में छिपने में मदद करने और अन्य सहायता उपलब्ध कराने के आरोप में उसके एक अहम सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया है।

पंजाब पुलिस ने अलगाववादी अमृतपाल सिंह को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में छिपने में मदद करने और अन्य सहायता उपलब्ध कराने के आरोप में उसके एक अहम सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस उपमहानिरीक्षक (सीमा रेंज) नरेंद्र भार्गव ने पत्रकारों से कहा कि जोगा सिंह लुधियाना का निवासी है और वह पीलीभीत में एक ‘‘डेरा’’ का प्रभारी था। हरियाणा से पंजाब में दाखिल होते समय उसे फतेहगढ़ साहिब में सरहिंद से गिरफ्तार किया गया।
भार्गव ने कहा, ‘‘हमने अमृतपाल के सहायक जोगा सिंह को गिरफ्तार किया है।’’ उन्होंने कहा कि अमृतसर पुलिस (ग्रामीण) और होशियारपुर पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर यह गिरफ्तारी की। उन्होंने कहा कि जोगा सिंह ने अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगी पपलप्रीत सिंह को पीलीभीत में छिपने का ठिकाना मुहैया कराया था और उनके लिए वाहन का भी इंतजाम किया था। अधिकारी ने कहा, ‘‘जोगा सिंह अमृतपाल सिंह के सीधे संपर्क में था। उसने पीलीभीत में दोनों के ठहरने और उनके लिए वाहन की व्यवस्था की थी। वह उन्हें पंजाब वापस लेकर आया था।’’ उन्होंने कहा कि आरोपी से पूछताछ की जाएगी और पुलिस उससे मिली जानकारी के आधार पर कार्रवाई करेगी।
यह पूछे जाने पर कि क्या अमृतपाल और पपलप्रीत एक वाहन में पीलीभीत से फगवाड़ा आए थे, इस पर अधिकारी ने हां में जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘‘28 मार्च को चार लोग – अमृतपाल, पपलप्रीत, जोगा और गुरसंत होशियारपुर में थे।’’ उन्होंने बताया कि अमृतपाल को छोड़कर अन्य तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस की कार्रवाई के बाद अमृतपाल और पपलप्रीत 18 मार्च को पंजाब से भाग गए थे। वे 28 मार्च को राज्य लौटे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमृतसर ग्रामीण सतिंदर सिंह ने कहा कि यह जोगा सिंह ही था जो अमृतपाल को फिर से पंजाब लाया था। यह पूछे जाने पर कि क्या जोगा सिंह के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत आरोप लगाए गए हैं, इस पर भार्गव ने ना में जवाब दिया।
जोगा सिंह के खिलाफ 28 मार्च को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 212 (अपराधी को शरण देना) और शस्त्र अधिनियम सहित संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने पिछले महीने अमृतपाल सिंह और उसके ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के सदस्यों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया था। अलगाववादी अमृतपाल सिंह को अब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है और वह 18 मार्च को जालंधर जिले में पुलिस की गिरफ्त से बच निकला था। वह बार-बार अलग-अलग वाहन का इस्तेमाल कर रहा है और अपना हुलिया बदल रहा है। अमृतपाल और उसके साथियों पर विभिन्न समुदायों के लोगों के बीच वैमनस्य फैलाने, हत्या के प्रयास, पुलिसकर्मियों पर हमले और लोक सेवकों द्वारा कर्तव्य के वैध निर्वहन में बाधा उत्पन्न करने से संबंधित कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं।

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