लुधियाना-अमृतसर : शिक्षा के माध्यम से सिखी का प्रचार करने के लिए अस्तित्व में आई 115 साल पुरानी सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था चीफ खालसा दीवान (सीकेडी) ने एक और इतिहास रचाते हुए जनरल इजलास के दौरान आनंद साहिब के पाठ के 4 पौडि़ए पढ़ते ही रोक दिया। जबकि दूसरी तरफ समाप्ति के बीच एक बार फिर आनंद साहिब के पाठ की 5 पौढि़ए पढक़र अरदास की। मीडिया द्वारा दीवान के ऑनरी सचिव नरेंद्र सिंह खुराना से पूछा गया तो उन्होंने गलती मानते हुए इसे भूल बख्शाने की बात कही। चीफ खालसा दीवान के प्रबंधों के अंतर्गत स्कूल की एक महिला प्रिंसीपल के साथ अनैतिक हरकतों के आरोपो में घिरे दीवान के प्रधान चरणजीत सिंह चडढा को कार्यकारिणी द्वारा ओहदे और सदस्यता से बरखास्त करने के लिए आज यहां बाकायदा दीवान का जनरल इजलास बुलाया गया था।
चीफ खालसा दीवान के जनरल हाऊस की बैठक में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की हजूरी में भारी शोर-शराबे के बीच सीकेडी के पूर्व प्रधान चरणजीत सिंह चड्ढा को निष्कासित करने के कार्यकारिणी के फैसले को सदस्यों ने मंजूरी दे दी। नतीजन चड्डा को दीवान की प्राथमिक सदस्यता से भी निष्कासित कर दिया गया है। चड्ढा प्रकरण की पुनरावृत्ति ना हो , इसके लिए सदस्य बीबी किरणजोत कौर की मांग को स्वीकार करते हुए स्क्रीनिंग कमेटी के गठन का भी फैसला लिया गया है। इस दौरा अध्यक्ष के चयन के लिए जल्द ही कार्यकारिणी की बैठक की तिथि की घोषणा करने का भी फैसला ले लिया गया
जांच की मांग को लेकर दो घंटे तक धरने पर बैठे सिरसा
चरणजीत सिंह चड्ढा के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार व विकास फंडों में हुई हेराफेरी की जांच की मांग को लेकर दीवान के कार्यकाल के बाहर पंथक नेता बलदेव सिंह सिरसा ने करीब दो घंटे तक धरना भी दिया।
सदस्यों को बोलने की इजाजत न देने पर हुआ हंगामा
श्री अकाल तख्त के जत्थेदार गुरबचन सिंह के चड्ढा को प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित करने के जारी फरमान को लागू करने के लिए दोपहर 2 बजे शुरू हुई बैठक के दौरान सचिव नरिंदर सिंह खुराना ने चड्ढा को हटाने का प्रस्ताव रखा, जिस पर सदस्यों ने बोले सो निहाल, सत श्री अकाल के नारों के बीच अपनी मोहर लगा दी। इसके तुरंत बाद जसपाल सिंह, सूबा सिंह व अन्य सदस्य पूर्व सचिव भाग सिंह अणखी, सदस्य अवतार सिंह आदि को शामिल करने का प्रस्ताव रखने की मांग करने लगे, लेकिन सचिव खुराना ने यह कहते हुए इजाजत देने से मना कर दिया कि उक्त बैठक के एजेंडे में यह प्रस्ताव शामिल नहीं है, इस बैठक में केवल चड्ढा को हटाने के फैसले पर मोहर लगाने पर ही विचार किया जा सकता है। जब उक्त सदस्यों को बोलने की इजाजत नहीं दी गई तो बैठक में शोर-शराबा शुरू हो गया। सदस्य जसपाल, सूबा सिंह आदि की कार्यकारिणी सदस्य निर्मल ङ्क्षसह से बहस शुरू हो गई।
शोर-शराबे के बीच कराई अरदास
माहौल गर्म होता देख सदस्यों ने आनन-फानन में अरदास शुरू कर दिया। एक तरफ शोर बढ़ता गया तो दूसरी तरफ मर्यादा भंग होने के साथ-साथ अरदास का क्रम शुरू हो गया।
सदस्यों ने माग ली है माफी
सीकेडी के सचिव नरिंदर सिंह खुराना के अनुसार उक्त सदस्यों ने बाद में शोर-शराबा डालने के लिए माफी मांग ली। उन्होंने कहा कि हाऊस ने अरदास के दौरान उक्त घटना के लिए सामूहिक तौर से वाहेगुरु के समक्ष माफी मांग ली है। इसी बीच, उन्होंने लोक भलाई इंसाफ वेल्फेयर सोसायटी के प्रमुख बलदेव सिरसा की मांग को स्वीकार करते हुए विकास फंडों के हुए दुरुपयोग की जांच करवाने की मांग को स्वीकार कर लिया।
– सुनीलराय कामरेड
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