लुधियाना- ब्यास : पंजाब में कोई भी सियासत डेरों के प्रभाव से मुक्त नहीं है। इसी का जीता-जागता प्रमाण डेरा सच्चा सौदा और डेरा ब्यास समेत कई दर्जनों धार्मिक डेरे है, जिन्हें प्रत्येक सियासी पार्टी वोट बैंक की खातिर खिंचे चले आते है। हाल ही में 17वी लोकसभा चुनावों का बिगुल बजते ही पंजाब की 13 संसदीय सीटों के लिए कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने मिशन-13 को हासिल करने की खातिर डेरा ब्यास प्रमुख गुरविंद्र सिंह से आर्शीवाद लेने अचानक ब्यास पहुंचे। इससे पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी 17 मार्च को पिछले दिनों भाजपा नेताओं के साथ डेरा ब्यास प्रमुख से मुलाकात कर चुके है।
गडकरी ने अपने टिवट के जरिए लिखा कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास में डेरा बाबा गुरिंद्र सिंह जी से भेंट कर मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा की जीत के लिए आर्शीवाद प्राप्त किया। सोनिया गांधी और अकाली नेता प्रकाश सिंह बादल समेत सुखबीर बादल भी अन्य डेरों की भांति यहां भी सर नवाज चुके है।
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पंजाब के मुख्यमंत्री ने 2 महीने पहले एक पै्रस वार्तालाप में स्पष्ट किया था कि वह वोटों की खातिर किसी भी डेरे की शरण में नहीं जाएंगे। लेकिन आज अचानक अमृतसर के ब्यास दरिया पर बसे डेरा ब्यास में हेलीकेप्टर के जरिए कैप्टन अमरेंद्र सिंह के साथ पंजाब मामलों की इंचार्ज आशा कुमारीऔर पंजाब कांग्रेस के प्रधान और गुरदासपुर सांसद सदस्य सुनील जाखड़ भी मोजूद थे। मुख्यमंत्री द्वारा करीब अढ़ाई घंटे डेरा प्रमुख बाबा गुरिंद्र सिंह के साथ मुलाकात की।
डेरा ब्यास में प्रतिदिन लाखों फालोवर सत्संग में पहुंचते है और चुनावों के वक्त सियासी नेताओं का जमावड़ा लगा रहता है लेकिन अभी तक डेरे की तरफ से किसी भी सियासी पार्टी को खुलकर समर्थन देने की ओपचारिक घोषणा नहीं हुई। पिछली पंजाब विधानसभा चुनावों के दौरान 8 दिसंबर 2016 को भी कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रधान राहुल गांधी डेरा पहुंचे थे और उन्होंने डेरा प्रमुख गुरिंद्र सिंह से मुलाकात के दौरान एक रात का वक्त भी गुजारा था। इसी दौरान विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की इतिहासिक जीत प्राप्त हुई थी।
अमृतसर से कांग्रेसी प्रत्याशी गुरजीत सिंह ओजला ने पत्रकारों से सियासी कारणों के बारे में पूछे जाने पर स्पष्ट किया कि वोट मांगने के लिए कहीं भी जाना कोई गुनाह नहीं है बल्कि प्रत्येक वोटर से वोट मांगना सैवंधानिक अधिकार और जालंधर के कांग्रेसी सांसद और पार्टी उम्मीदवार संतोख चौधरी का कहना था कि मुख्यमंत्री बाबा जी से आर्शीवाद लेने गए थे ना कि वोट मांगने। राजकुमार वेरका का इस मुलाकात के संबंध पर कहना था कि जिस डेरे का समाज ने बायकाट किया हो और ना ही कांग्रेस किसी भी विवादित डेरे नहीं जाती।
स्मरण रहे कि पंजाब में एक दर्जन से अधिक डेरे है, जिनके लाखों पैरोपकार है। लेकिन माझे के दरिया ब्यास पर बसे डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास, दोआबा के सतलुज दरिया पर दिव्य जागृति संस्थान व सचखंड बल्ला और संत निरंकारी मिशन भी शमिल है, जबकि मालवा के इलाके में डेरा सच्चा सौदा के अनुयाई प्रमुख है।
– सुनीलराय कामरेड