कांग्रेस की पंजाब इकाई में फिर तेज हुई तनातनी के बीच पार्टी आलाकमान के निर्देश पर शनिवार शाम बुलाई गई विधायक दल की बैठक से पहले मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस्तीफा देने का फैसला किया। वहीं अमरिंदर सिंह ने पंजाब के राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें अपना और अपने मंत्रिपरिषद का इस्तीफा सौंपा। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि फिलहाल वह कांग्रेस में हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष जिसपर विश्वास है उसे मुख्यमंत्री बनाए
इस्तीफा सौंपने के बाद उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों मे तीसरी बार ये हो रहा है कि विधायकों को दिल्ली में बुलाया गया। मैं समझता हूं कि अगर मेरे ऊपर कोई संदेह है, मैं सरकार चला नहीं सका, जिस तरीके से बात हुई है मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं। अमरिंदर ने कहा कि "मैंने सुबह कांग्रेस अध्यक्ष से बात की थी और मैंने उन्हें कह दिया था कि मैं इस्तीफा दे रहा हूं। मैंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्हें(कांग्रेस अध्यक्ष) जिसपर विश्वास है उसे मुख्यमंत्री बनाए।"
साथियों से बात करके भविष्य के कदम पर फैसला करूंगा
यह पूछे जाने पर कि उनकी भविष्य की रणनीति क्या होगी तो अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘‘मेरी 52 साल की राजनीति में जिन लोगों ने मेरा साथ दिया, उनके साथ बातचीत करने के बाद इस बारे में फैसला करूंगा।’’ इस सवाल पर कि क्या वह नए मुख्यमंत्री का फैसला करेंगे तो उन्होंने कहा कि अपने साथियों से चर्चा के बाद ही कोई निर्णय लेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘जहां तक मेरी भविष्य की राजनीति है, विकल्प है, तो समय आने पर उस विकल्प को देखूंगा। मैं अपने साथियों से बात करके कोई फैसला करूंगा।’’
पिता सीएम पद से इस्तीफा देंगे
सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर समर्थक विधायकों के साथ बैठक में इस्तीफा देने का फैसला किया। वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेटे रनिंदर सिंह का ट्वीट- पिता सीएम पद से इस्तीफा देंगे। अमरिंदर सिंह द्वारा जोरदार और स्पष्ट 'विद्रोह' का संकेत देते हुए, उनके प्रेस सचिव ने शनिवार को कहा कि जो धोखा देकर आपको 'सरप्राइज' करते हैं, उन्हें सदमे के लिए तैयार रहना चाहिए। ऐसी खबरें हैं कि कांग्रेस आलाकमान अमरिंदर से इस्तीफा मांग सकती है।
जो धोखा देकर आपको 'सरप्राइज' करते हैं, उन्हें सदमे के लिए तैयार रहना चाहिए
मुख्यमंत्री और आलाकमान के बीच जारी तनातनी के बारे में बात किए बिना प्रेस सचिव विमल सुंबली ने ट्वीट कर बताया, "अगर लोग आपको विश्वासघात से 'आश्चर्यचकित' करते हैं, तो आपको उचित प्रतिशोध के साथ उन्हें सदमा देने का अधिकार है।" इस बीच, विधायक दल की बैठक के लिए कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षक अजय माकन एवं हरीश चौधरी तथा पार्टी के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत चंडीगढ़ पहुंच गए हैं। चंडीगढ़ पहुंचने पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने उनका स्वागत किया।
अमरिंदर सिंह सोनिया से बात की और बार-बार हो रहे ‘अपमान’ को लेकर नाराजगी और नाखुशी जताई
कुछ खबरों में यह भी कहा गया है कि कांग्रेस नेतृत्व ने अमरिंदर सिंह से इस्तीफा देने के लिए कहा था, हालांकि कांग्रेस सूत्रों ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार किया है। सूत्रों के मुताबिक, अमरिंदर सिंह सोनिया से बात की और बार-बार हो रहे ‘अपमान’ को लेकर नाराजगी और नाखुशी जताई। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि 50 से अधिक विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाया जाए।
यह संकट ‘गंभीर’ है
सूत्रों का यह भी कहना है कि यह संकट ‘गंभीर’ है क्योंकि बहुत सारे विधायकों ने विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री को बदलने की मांग की है। विधायकों ने अपने पत्र में सोनिया गांधी ने विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग की। पार्टी आलाकमान ने शनिवार शाम बैठक बुलाने का निर्देश दिया और वरिष्ठ नेताओं - अजय माकन और हरीश चौधरी को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया।
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