लुधियाना-पटियाला : पंजाब में कांग्रेस सरकार के सत्ता संभालने के बाद पंजाब पुलिस ने मुठभेड़ सियासत पर काम करते सूबे से गैंगस्टारों के मुकम्मल सफाएं का दावा किया था लेकिन पिछले कुछ समय से पंजाब में हथियारबंद गैंगस्टार सरगर्म हुए है और इसी के चलते पंजाब पुलिस ने सियासी आदेश पाते ही सख्त रणनीति बनाते गैंगस्टारों का सफाया करने की योजना बनाई है।
दूसरी तरफ गैंगस्टरों को लेकर शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस के मध्य शुरू हुई मौखिक बयानबाजी रूकने का नाम नहीं ले रही। वही बड़ा सवाल बना हुआ है कि आखिर पंजाब में गैंगस्टारों का जन्मदाता है कौन? चाहे अकाली दल और कांग्रेस दोनों एक दूसरे पर आरोप लगाते है, लेकिन गैंगस्टारों में किस के हौसले पर राज्य में पैर फैलाएं। इस रहस्य से पर्दा उठना बाकी है।
सियासी आगुओं और गैंगस्टारों के मध्य गठजोड़ की चर्चा के बीच पकड़ो-पकड़ाई के उठते सवालों पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने इस मामले की जांच के हुकम देते दावा किया कि किसी के भी दोषी पाएं जाने पर कार्यवाही की जाएं। डीजीपी दिनकर गुप्ता को इस मामले में गहनता से जांच पड़ताल करने के आदेश दिए गए है। जांच के बाद खुलासा होगा या नहीं यह रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेंगा लेकिन सूबे के मोजूदा जेल मंत्री सुखजिंद्र सिंह रंधावा और पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ का कहना है कि गैंगस्टार शब्द ही सूबे को अकाली दल की देन है जबकि अकाली दल इसे सिरे से नकारते हुए इसका ठीकरा कांग्रेस के सिर पर तोडऩे की तैयारी में है।
इस विवाद की शुरुआत 24 नवंबर को शिअद के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने की थी। मजीठिया ने जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा पर गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया से रिश्ते होने का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि गुरदासपुर में अकाली नेता दलबीर सिंह की हत्या रंधावा के इशारे पर हुई है। इसके बाद 26 नवंबर को जेल मंत्री रंधावा ने मीडिया के सामने मजीठिया की गैंगस्टरों के साथ तस्वीरें सार्वजनिक कीं। उन्होंने कहा कि पंजाब में पहले आतंकवादी तो होते थे, लेकिन गैंगस्टरों की उत्पत्ति मजीठिया के राजनीति में आने के बाद हुई।
पूर्व अकाली मंत्री विक्रमजीत सिंह मजीठिया ने यह दोष लगाते आ रहे है कि अकाली आगु ढिलवा का कत्ल भी गैंगस्टार मंत्री गठजोड़ का नतीजा है जिसकी जांच उच्च स्तर पर होनी चाहिए। उधर जेल मंत्री रंधावा भी इस मामले में खुद का दामन पाक साफ कहते हुए दावा करते है कि जांच किसी भी स्तर की हो, वह तैयार है।
मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी किए गए फोटो में हरजिंदर सिंह बिट्टू उर्फ बिट्टू सरपंच पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर बादल, हरसिमरत बादल और बिक्रम मजीठिया को सम्मानित करता हुआ नजर आ रहा है। बिट्टू तलवंडी साबो हलके से पूर्व अकाली विधायक जीत मोहिंदर सिंह सिद्धू के कथित तौर पर नजदीकी हैं। डीजीपी दिनकर गुप्ता का कहना है कि बिट्टू गुरप्रीत सेखों गैंग के सदस्यों को शरण दिलाता रहा है। बिट्टू पर नशे, कत्ल, डकैती, आम्र्स एक्ट आदि के सात से ज्यादा पर्चे दर्ज हैं।
स्मरण रहे कि गैंगस्टार विक्की गोंडर के एनकाउंटर के बाद राज्य में कुछ समय गैंगस्टारों की गतिविधियेां पर विरामचिन्ह लगा था लेकिन दुबारा गैंगस्टारों द्वारा जेलों में गतिविधियां तेज किए जाने की सूचनाएं है। अगर पुलिस के पास सुरक्षा फोर्स की बात की जाएं तो पड़ोसी राज्य हरियाणा और हिमाचल से पंजाब के पास अधिक सुरक्षा बलों की संख्या है लेकिन इसके बावजूद गैंगस्टार कैसे और किस प्रकार अपने पांव पसार रहे है, यह बड़ा सवाल बना हुआ है।
– सुनीलराय कामरेड