लुधियाना : केंद्रीय सकेंडरी शिक्षा बोर्ड (सी.बी.एस.ई) द्वारा 12वीं कक्षा के आज जारी हुए परिणामों में लुधियाना जिला पुन: पंजाब में पहले स्थान पर रहा। जबकि प्रांजला आहुजा एफ.एम.एम में 97.4 फीसदी अंकों के साथ देशभर में पहले स्थान पर रही। पंजाब के लिए यह नतीजे बहुत शानदार है। इस बार पंजाब के 91.32 फीसदी मुटियारें और 82.26 गबरू पास हुए है।
चंडीगढ़ और हरियाणा की छोरियों को पछाड़ते हुए पंजाब की मुटियारों ने बाजी मारी। इस बार पंजाब का सीबीएसई के बारहवी का नतीजा 86.33 फीसदी रहा है।
सीबीएसई द्वारा शनिवार को जारी किए गए 12वीं कक्षा के नतीजों में लुधियाना स्थित बीसीएम आर्य मॉडल सीनियर सकैंडरी स्कूल की आस्था बाम्बा ने आट्र्स में 500 में से 497 नंबर (99.4 प्रतिशत अंक) देशभर में तीसरा स्थान हासिल किया है।
उसने तीन विषयों मास कम्युनिकेशन, सोश्योलिजी और पॉलीटिकल साइंस में शत प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। आस्था की इस कामयाबी पर उनके परिवार व स्कूल में खुशी का माहौल है। परिजनों व स्कूल स्टाफ द्वारा आस्था का मिठाई के साथ मुंह मीठा करवाया गया।
छात्रा आस्था ने बताया की वह उसे इस मुकाम पर सभी के साथ ने पहुंचाया। उसके माता-पिता सहित टीचरों का बड़ा सहयोग रहा । जब उसका पढऩे का समय होता था वह अपने मोबाइल फोन को स्विच ऑफ कर देती थी और सिर्फ अपनी पढ़ाई की ओर ध्यान देती थी जिसके चलते आज उसका बढिय़ा रिजल्ट आया है। आगे भी वह इसी तरह से मेहनत करती रहेगी। उसने कहा कि मुझे उम्मीद नहंी थी कि मैं टाप करूंगी। अभी भी मुझे इतना फर्क नहीं पढा कि मैंने टॉप किया है। मैं अपने अंकों से संतुष्ट हूं। मैंने अधिक स्टडी नहीं की लेकिन मैंने स्मार्ट स्टडी की है। जैसे मेरे टीचर मुझे बताते थे उसी प्रकार स्टडी की है। मैंने कभी रट्टा नहीं लगाया। मुझे लगता था कि कुछ भी हो सकता है।
पेपर लीक हुआ है तो रिजल्ट खराब हो सकता है। यह मेरे लिए शॉक की तरह है। इसमें मेरे माता-पिता टीचर का बहुत सहयोग है। उनके बिना यह संभव नहीं था। मैं आगे इंगलीश व पालिटिक्ल साइंस में आनर्स करना चाहती हूं और जर्नलिज्म करने के बाद यूएन के लिए काम करना चाहती हूं। मैंने हमेशा अपनी स्टडी को ध्यान से करती थी इसलिए लिए इंटरनेट का भी सहारा लिया। मेरे माता-पिता भी टीचरस है जोकि ट्यूशन सेंटर चलाते है। मैंने अपनी मां से इंगलिश की ट्यूशन ली है। इसके अलावा मेरी ब्याहता बहन शिवांगी सूद जोकि बीसीए में नेशनल टापर है, उन्होंने मुझे सोशालॉजी, पालिटिक्ल साइंस व मास मीडिया की स्टडी करवाई।
क्या कहते है माता-पिता
आस्था की मां सीमा बांबा व पिता आदिश बांबा अपनी बेटी की इस कामायबी से बहुत खुश हैं। वे दोनों अंगे्रजी के टीचर हैं और एक ट्यूशन अकादमी चलाते हैं। उन्होंने कहा कि आज उनकी खुशी की कोई लिमिट नहीं है। उनकी बेटी ने उन्हें गोरवांतित महसूस करवाया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी अपनी बेटी पर दबाव नहीं डाला। हालांकि हमेशा से उसके स्पीकिंग स्किल्स पर ध्यान दिया। अब आस्था जितना भी पढऩा चाहेगी और भविष्य में जो बनना चाहेगी, वे उसका साथ देंगे।
– रीना अरोड़ा
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