केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब विधानसभा में राज्य सरकार द्वारा लाए गए विधेयकों को मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही पंजाब कानूनों के खिलाफ विधायक लाने वाले पहला राज्य बन गया है। विधेयकों के पास होने के एक दिन बाद पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने विपक्षी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और आम आदमी पार्टी (आप) पर ‘दोहरा मानदंड’ अपनाने का आरोप लगाया है।
मुख्यमंत्री अमरिंदर ने कहा कि दोनों विपक्षी पार्टियों, शिअद और आप ने विधानसभा में इस विधेयक को पारित कराए जाने में समर्थन किया। बाद में बाहर जाकर वे सार्वजनिक रूप से इसकी आलोचना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं हैरान हूं कि विधानसभा में उन्होंने विधेयकों के समर्थन में बोला और यहां तक कि मेरे साथ राज्यपाल से मिलने भी गए, लेकिन बाहर जाकर अलग बातें बोलीं। यह उनके दोहरे मानदंड को प्रदर्शित करता है।’’
उन्होंने राज्य विधाानसभा का तीन दिनों का विशेष सत्र अनश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए यह कहा। यह पूछे जाने पर कि क्या अन्य पार्टियां, खासतौर पर आम आदमी पार्टी को भी पंजाब की तरह नये कृषि कानूनों को अमान्य करने के लिए दिल्ली विधानसभा में प्रस्ताव लाना चाहिए, अमरिंदर सिंह ने कहा कि (दिल्ली के मुख्यमंत्री) अरविंद केजरीवाल को पंजाब के उदाहरण का अनुकरण करना चाहिए।
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उन्होंने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि किसानों ने राज्य के विधेयकों के खिलाफ कुछ भी नहीं कहा है, जिनका मसौदा उनके हितों की तथा राज्य के कृषि की सुरक्षा करने के लिए तैयार किया गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री ने शिअद और आप की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘लेकिन यह बात भी कहीं अधिक स्पष्ट है कि इन पार्टियों की किसानों के भविष्य को सुरक्षित करने या राज्य की कृषि और अर्थव्यवस्था की रक्षा करने में कोई रुचि नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बाद के उनके (शिअद और आप) बयानों से किसानों के हितों के प्रति उनकी गंभीरता के अभाव का पूरी तरह से खुलासा हो गया है। ’’ मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया और आप नेतृत्व के बयानों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘यदि उन्हें लगता है कि हम पंजाब के लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं, तो उन्होंने ऐसा सदन में क्यों नहीं कहा? उन्होंने हमारे विधेयकों का समर्थन क्यों किया और इसके पक्ष में मतदान क्यों किया?’’
उल्लेखनीय है कि विधानसभा में विधेयकों का समर्थन करने के बाद शिअद ने मंगलवार को अमरिंदर से यह आश्वासन मांगा था कि न्यूनतम समर्थन मूल्य देने में केंद्र के नाकाम रहने पर राज्य सरकार फसल की खरीद करेगी। विपक्ष के नेता हरपाल चीमा (आप) ने बाद में मंगलवार शाम एक बयान में कहा था , ‘‘पंजाब सरकार राज्य के लोगों को बेवकूफ बना रही है।’’ हालांकि, आप ने विधानसभा में विधेयकों का समर्थन किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि केंद्र उनकी सरकार को बर्खास्त कर देती है तो उन्हें इसकी परवाह नहीं है ‘लेकिन वह अपनी आखिरी सांस तक किसानों के अधिकारों के लिए लड़ेंगे।’’ उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यदि केंद्र को लगता है कि मैंने कुछ गलत किया है तो वह मुझे बर्खास्त कर सकती है, मैं डरता नहीं हूं। मैंने पहले भी दो बार इस्तीफा दिया है और यह फिर से कर सकता हूं।’’ एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि कई कानूनी विकल्प हैं लेकिन उम्मीद जताई कि राज्यपाल पंजाब के लोगों की आवाज सुन कर अपनी जिम्मेदारी पूरी करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब के लोगों की आवाज राज्यपाल तक पहुंची है और वह विधेयकों को राष्ट्रपति के पास भेजेंगे।’’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति भी राज्य की भावनाओं और अपील को नजरअंदाज नहीं कर सकते। इस बीच, कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि वह (सिद्धू) मंगलवार को विधानसभा में आये थे और उन्होंने अपने विचार भी रखे।