पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बृहस्पतिवार को विश्वास व्यक्त किया कि नवजोत सिंह सिद्धू उनके मंत्रिमंडल में वापस होंगे। क्रिक्रेट से राजनीति में आये सिद्धू ने दो साल पहले अहम विभाग वापस ले लिये जाने के बाद मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।
सिंह के इस बयान से एक दिन पहले ही दोनों कांग्रेस नेताओं की चंडीगढ़ के समीप मुख्यमंत्री के फार्म हाउस पर करीब 40 मिनट तक उनके बीच यह बैठक हुई। उसमें दोनों ने राज्य मंत्रिमंडल में उनकी (सिद्धू की) वापसी पर चर्चा की।
सिंह ने बैठक के बाद बृहस्पतिवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘ सभी चाहते हैं कि नवजोत हमारी टीम का हिस्सा बनें।’’ मुख्यमंत्री अपनी सरकार के चार साल पूरे होने पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
दोनों के बीय यह बैठक कांग्रेस विधायक सिद्धू की राज्य मंत्रिमंडल में वापसी की अटकलों के बीच हुई थी। सिंह ने कहा, ‘‘ हमारे बीच अच्छी बैठक हुई। उन्होंने मेरे साथ चाय पी।’’ उन्होंने कहा कि सिद्धू का कोई अन्य कार्यक्रम होने की वजह से हम दोनों साथ भोजन नहीं कर पाये। सिंह ने कहा, ‘‘ उन्होंने कुछ वक्त मांगा है। उन्हें समय लेने दीजिए। तब वह हमारे पास लौटेंगे। मुझे यकीन है कि वह हमारी टीम का हिस्सा होंगे।’’
जब उनसे पूछा गया कि क्या सिद्धू उपमुख्यमंत्री या प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद चाहते हैं तब मुख्यमंत्री ने कहा कि इन विषयों पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को निर्णय लेना है। उन्होंने कहा, ‘‘ यह मेरा या (प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष) सुनील जी का निर्णय नहीं होगा। वो जो भी चाहते हैं, उन पर कांग्रेस अध्यक्ष को निर्णय लेना है। ’’ सिंह ने मजाकिये लहजे मं कहा, ‘‘ यदि वह मेरा काम चाहते हैं तो वह भी ले सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि वह सिद्धू को तब से जानते हैं जब वह दो साल के थे। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार ने ट्विटर पर दोनों नेताओं के एक साथ फोटो साझा किया जो उनके बीच संबंधों में सुधार आने का संकेत है। पिछले कई सप्ताह से कांग्रेस के गलियारों में सिद्धू को फिर कैबिनेट पद मिलने की अटकलें हैं। वैसे सिद्ध को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करने की की भी चर्चा है।
अमरिंदर सिंह और सिद्धू के बीच मई, 2019 में तब तनाव सामने आ गया था जब मुख्यमंत्री ने उन्हें स्थानीय शासन विभाग के ‘अकुशल कामकाज’के लिए जिम्मेदार ठहराया था और दावा किया था कि लोकसभा चुनाव में शहरी क्षेत्रों में इसी के कारण कांग्रेस का खराब प्रदर्शन रहा।