पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने सोमवार को भगत सिंह की जन्मस्थली नवांशहर में खटकर कलां गांव से विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि “पंजाब के किसानों और अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के लिए डिजाइन” किए गए इन कानूनों को रद्द कराने लिए पंजाब सरकार कानूनी मदद लेने के अलावा भी अन्य विकल्प तलाश रही है।
मुख्यमंत्री ने भगत सिंह की 113 वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद इन ‘सख्त’ कानूनों के खिलाफ धरना देने बैठे। एआईसीसी के महासचिव और राज्य मामलों के प्रभारी हरीश रावत, राज्य पार्टी प्रमुख सुनील जाखड़ समेत कई कैबिनेट मंत्री भी इस मौके पर मौजूद थे। अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के कृषि बिलों को “दुर्भाग्यपूर्ण और परेशान करने वाला” बताया। साथ ही कहा कि उनकी सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए राज्य कानूनों में संभावित संशोधन समेत सभी विकल्प तलाश रही है।
बता दें कि क्रांतिकारी भगत सिंह की जयंती पर सुबह लगभग 7.15 बजे विवादास्पद कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए पंजाब युवा कांग्रेस के लगभग 10-15 कार्यकर्ता एक ट्रक से राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे। कार्यकर्ताओं ने ट्रक से एक ट्रैक्टर को उतारा और उसमें आग लगा दी।
आईवाईसी ने एक ट्वीट में भगत सिंह की कही बात को उद्धृत करते हुए कहा, “अगर बहरों को सुनाना है, तो आवाज बहुत तेज होनी चाहिए : भगत सिंह।” ट्वीट में कहा गया, “शहीद भगत सिंह की स्मृति के सम्मान में, पंजाब युवा कांग्रेस ने इंडिया गेट पर एक ट्रैक्टर को जलाकर किसानों के प्रति भाजपा सरकार के उदासीन रवैये का विरोध किया। सोते हुए सरकार को जगाओ। इंकलाब जिंदाबाद।”