कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तीन दिवसीय रैली का मंगलवार को आखिरी दिन है। रैली का समापन पानीपत में होना है, लेकिन राहुल की ट्रैक्टर रैली हरियाणा बॉर्डर के पास ही रोक दिया गया। हालांकि विचार विमर्श के बाद हरियाणा सरकार ने रैली को राज्य में प्रवेश की इजाजत दे दी।
खट्टर सरकार ने शुरू में राहुल की इस रैली को राज्य में प्रवेश की अनुमति देने से साफ़ इनकार कर दिया था। कृषि कानून के खिलाफ राहुल गांधी के नेतृत्व में पंजाब से निकाली गई कांग्रेस की खेती बचाओ यात्रा का आज अंतिम दिन है। हरियाणा में प्रवेश से पहले राहुल की यात्रा को रोक दिया गया, हालांकि बाद में राज्य सरकार की ओर से अनुमति दे दी गई।
रैली को रोके जाने पर राहुल ने हरियाणा सीमा पर समर्थकों के साथ बैठकर अनुमति मिलने तक धरने देने की बात कही। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, मैं आगे नहीं बढ़ रहा हूं और यहां इंतजार करके खुश हूं। 1 घंटे, 5 घंटे, 24 घंटे, 100 घंटे, 1000 घंटे या 5000 घंटे।
They have stopped us on a bridge on the Haryana border. I’m not moving and am happy to wait here.
1 hour, 5 hours, 24 hours, 100 hours, 1000 hours or 5000 hours. pic.twitter.com/b9IjBSe7Bg
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 6, 2020
कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है। यात्रा के तीसरे दिन रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा, कहा कि मोदी सरकार 6 साल से किसानों, मजदूरों और गरीबों पर आक्रमण कर रही है। केंद्र सरकार ने गरीबों के लिए कुछ नहीं किया, बस अपने अमीर दोस्तों के लिए ही किया।
उन्होंने कहा, हमारी ये यात्रा मोदी सरकार के तीन काले कानूनों के खिलाफ है। ये मौजूदा सिस्टम को खत्म करने का तरीका है, पहले नोटबंदी, फिर GST और अब ये कानून लाया जा रहा है। हम पंजाब और हरियाणा के किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं। राहुल ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन कानूनों के जरिए अपने कुछ पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाना चाहते हैं। ये जो तीनों कानून बनाए गए हैं वो खाद्य सुरक्षा की मौजूदा व्यवस्था को नष्ट करने का प्रयास है।