लुधियाना : देश-विदेश के अन्य इलाकों की तरह पंजाब में भी कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों और जिम्मेदार इलाका निवासियों ने अपने-अपने रिहायशी स्थलों के इर्दगिर्द पुख्ता प्रबंध किए हुए है। जबकि देश में अन्य बीमारियों के इलाज की व्यवस्था खत्म हो चुकी है। इसी का खामियाजा लुधियाना में एक साल की बच्ची को भुगतना पड़ा जिसे दूध नही हजम हो रहा था और उसे उल्टियों की शिकायत थी। बच्ची के माता-पिता मासूम बच्ची का इलाज करवाने हेतु इधर-उधर भटकते रहे और आखिर इलाज ना होने की स्थिति में मासूम बच्ची ने इस बेरहम दुनिया को अलविदा करते हुए मौत की आगोश में चली गई।
जानकारी के मुताबिक उमेश कुमार नामक शख्स जो मेहनत-मजदूरी करके अपने परिवार का गुजर-बसर कर रहा था और उसकी 2 ही बेटियां है। बड़ी बेटी 7 वर्षीय जाहनवी और एक वर्षीय छोटी बेटी मानवी 6 अप्रैल को मानवी की अचानक तबीयत खराब हो गई और वह जितनी भी बार दूध का आहार लेती थी वह उल्टी के रूप में बाहर निकल जाता। कहते है बेटी के इलाज के लिए उमेश कई इलाकों में अलग-अलगडॉक्टरों के पास लॉकडाउन और कफर्यू के कारण पैदल ही सडक़ों की खाक छानता रहा। उसके पास अपना कोई वाहन नहीं था और वह पैदल ही चलता रहा। हालांकि वह सिविवल अस्पताल लुधियाना में भी पहुुंचा था किंतु अस्पताल वालों ने उसका इलाज करने की बजाए उसे सराभा नगर स्थित पॉश इलाके के एक प्राइवेट अस्पताल में जाने को कहा। वह सिविल अस्पताल से काफी दूर सराभा नगर स्थित उसी अस्पताल में पहुंचा किंतु उसकी बेटी का इलाज ना हुआ। तत्पश्चात एक बाप अपनी मासूम बच्ची को हाथों में उठाए तीसरे अस्पताल मॉडल टाउन पहुंचा किंतु वहां भी कुछ ना हुआ। हालांकि कुछ इलाकों की सुरक्षा में तैनात खाकी वर्दीधारियों ने उसे सिविल अस्पताल की तरफ जाने से रोका और घर वापिस भेज दिया। वह पैदल शाम को घर पहुंचा तो बच्ची का स्वास्थ्य बिगड़ चुका था और अब बच्ची की मौत हो चुकी है।
उधर सिविल अस्पताल में संदिगध कोरोना पीडि़त एक बच्ची की भी आइसोलेशन वार्ड में इलाज के दौरान मौत होने की खबर है। एसएमओ डॉ रवि दत्त ने बताया कि 10 साल की बच्ची को संदिगध अवस्था में इलाज हेतु भर्ती करवाया गया। शुक्रवार इलाज के दौरान उसकी तबीयत बिगड़ी और मौत हो गई। बच्ची की अभी तक सैंपल रिपोर्ट नहीं आई है।
– सुनीलराय कामरेड