36 घंटों से चंडीगढ़ में पसरा अंधेरा, बिजली-पानी की सप्लाई हुई बंद, जानें क्या है ब्लैकआउट की वजह - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

36 घंटों से चंडीगढ़ में पसरा अंधेरा, बिजली-पानी की सप्लाई हुई बंद, जानें क्या है ब्लैकआउट की वजह

बिजली विभाग के कर्मचारियों की 3 दिवसीय हड़ताल के बाद चंडीगढ़ के कुछ हिस्सों में 36 घंटे से अधिक समय तक बिजली और पानी नहीं रहा।

बिजली विभाग के कर्मचारियों की 3 दिवसीय हड़ताल के बाद चंडीगढ़ के कुछ हिस्सों में 36 घंटे से अधिक समय तक बिजली और पानी नहीं रहा। भारत के सबसे सुनियोजित शहरों में से एक में सोमवार शाम से हजारों घरों में बिजली और पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है और कई इलाकों में ट्रैफिक लाइटें काम नहीं कर रही हैं। प्रशासन ने अदालत में हड़ताली कर्मचारियों पर “तोड़फोड़ के कृत्यों” का आरोप लगाया है। सरकारी अस्पतालों को कई सर्जरी को पुनर्निर्धारित करने के लिए मजबूर किया गया है।
अस्पताल समेत कई जरूरी चीजों पर पड़ा बिजली कटौती का असर 
अस्पताल की ओर से बताया गया, “हमारे पास जनरेटर की तरह एक बैकअप योजना है। लेकिन एक अस्पताल का 100 प्रतिशत भार जनरेटर पर नहीं डाला जा सकता है। जिसकी वजह से अस्पताल को अपनी नियोजित सर्जरियों को आगे बढ़ाना या स्थगित करना पड़ा है।” बिजली कटौती अस्पताल के साथ-साथ बच्चों की पढ़ाई पर भी असर हुआ है, दरअसल बिजली नहीं होने की वजह से ऑनलाइन कक्षाएं और कोचिंग संस्थान बंद कर दिए गए हैं। बिजली कर्मचारियों का यह विरोध विभाग के निजीकरण को लेकर हो रहा है, चंडीगढ़ के सलाहकार ने बिजली कर्मचारियों को हड़ताल खत्म करने के लिए राजी किया था, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है।
बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के चलते हुआ ब्लैकआउट 
बता दें कि प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों को डर है कि निजीकरण से उनके काम की शर्तें बदल जाएंगी और बिजली की दरें भी बढ़ जाएंगी। मंगलवार शाम को चंडीगढ़ प्रशासन ने आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम लागू करते हुए बिजली विभाग की हड़ताल पर छह माह के लिए रोक लगा दी। चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों ने दावा किया कि उन्होंने बिजली आपूर्ति बनाए रखने की व्यवस्था की थी, लेकिन शहर के कई इलाकों के निवासियों और व्यापारियों ने बिजली गुल होने की शिकायत की। बिजली कटौती ने शहर की कई इकाइयों में औद्योगिक उत्पादन और विनिर्माण को भी प्रभावित किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

two × 4 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।