पंजाब के अमृतसर में डेंगू बुखार विकराल रूप धारण चुका है जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। पिछले एक सप्ताह में आठ लोगों की मौत हो चुकी है जबकि बड़ी संख्या में लोग इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती हैं। अमृतसर में वेरका के नानकसर क्षेत्र में शनिवार की रात लगभग ढाई बजे हरमनदीप सिंह (13) नामक किशोर की मौत हो गई। इससे दो दिन पहले ही हरमनदीप सिंह के चाचा अमनदीप सिंह की भी डेंगू से मौत हो चुकी है।
डेंगू बुखार से लगातार हो रही मौतों तथा जिला प्रशासन की उदासीनता से क्षुव्ध पीड़ित परिवार सहित इलाका निवासियों ने रविवार की सुबह हरमनदीप का शव सड़क रख कर वेरका के गुरूद्वारा के सामने धरना शुरू कर दिया जिससे यातायात प्रभावित हो गया है। सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई है तथा अमृतसर की मैट्रो बस सेवा भी ठप हो गई।
इसके बाद कार्यकारी मजिस्ट्रेट अर्चना शर्मा और सहायक पुलिस आयुक्त जसबीर सिंह ने धरना स्थल पर पहुंच कर पीड़ित परिवार से बात की। मजिस्ट्रेट की ओर से डेंगू की रोकथाम के लिए उचित प्रबंध करने के आश्वासन पर परिवार ने धरना समाप्त कर दिया तथा हरमनदीप का अंतिम संस्कार कर दिया। धरना पर बैठे मृतक अमनदीप के दोस्त यादविंदर सिंह ने कहा कि सरकार को इस बात की जांच करनी चाहिए कि डेंगू से पीड़ित की महज दो दिनों में ही मौतें क्यों हो रही हैं।
उन्होने कहा कि प्रदूषण और गंदगी के कारण डेंगू लार्वा में भी बदलाव आया हो सकता है। उन्होने कहा कि धरना लगाने का उनका मुख्य उदेश्य सरकार को जागृत करना है ताकि डेंगू के प्रकोप पर रोक लगाई जा सके। उन्होने कहा कि दो दिनों में एक ही परिवार के दो सदस्यों की मौत हो जाने से गरीब परिवार सदमें में है। इलाका निवासियों ने पैसे इक्टठे कर अस्पताल का बिल अदा किया है।
वायु प्रदूषण और गंदगी के कारण इस बार डेंगू के लार्वा में भी बदलाव आया है। डेंगू से पीड़ित रोगी की महज दो दिनों में ही मौत हो रही है। अमृतसर का वेरका क्षेत्र डेंगू बुखार से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। पंजाब स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट अनुसार जिला अमृतसर में अब तक 765 संदिग्ध मरीज पाये गए हैं जिनमें से 265 रोगी ही डेंगू से पीड़ित पाये गए। हालांकि परिस्थिति इसके विपरीत हैं।