करतारपुर गलियारे को लेकर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिनकर गुप्ता के विवादित बयान को लेकर पंजाब विधानसभा में विपक्षी आम आदमी पार्टी (आप) और शिरोमणि अकाली दल ने उनकी बर्खास्तगी की मांग की। इस मामले में विधानसभा के बाहर आप के साथ विपक्षी दलों ने धरना देकर डीजीपी गुप्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की मांग की।
विपक्षी दल इस मामले में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से बयान की मांग भी कर रहे थे। हालांकि डीजीपी ने अपनी टिप्पणी पर सफाई देते हुए कहा था कि अगर मेरे बयान से किसी को ठेस पहुंची हो तो मैं ‘ईमानदारी से खेद’ प्रकट करता हूँ। धरने के दौरान आप सदस्यों ने डीजीपी के पोस्टर लेकर राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
आप विधायक हरपाल सिंह चीमा ने यहां संवाददाताओं को बताया, “हम चाहते हैं कि इस बेहद निंदनीय बयान के लिये अमरिंदर सिंह डीजीपी को बर्खास्त करें और उनके खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें जेल भी भेजें।” शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा, ” हम जानना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ डीजीपी के बयान पर क्यों चुप्पी साधे हैं, जोकि कांग्रेस द्वारा चुने गए थे।
हम उनसे जवाब चाहते हैं।” विपक्षी दलों ने दावा किया कि डीजीपी ने एक दैनिक को कहा था कि ”करतारपुर में ऐसी क्षमता है कि यदि आप सुबह एक साधारण व्यक्ति को वहां भेजते हैं तो शाम तक वह असल में एक प्रशिक्षित आतंकवादी बनकर लौटता है। आप वहां छह घंटे होते हैं, आपको फायरिंग रेंज में ले जाया जा सकता, आपको आईईडी (विस्फोटक) बनाना सिखाया जा सकता है।”