पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने जेलों की सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए कड़े कदम उठाने का फैसला लेते हुये राज्य की सभी जेलों में ड्रोन और सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाये जाने के आदेश दिये हैं।
जेल सुरक्षा प्रणाली का जायजा लेने के लिए उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने पुलिस इंटेलीजेंस के साथ सम्बन्धित कर्मचारियों को जेल विभाग में प्रतिनियुक्ति पर भेजने का फ़सला किया है ताकि वे ख़ुफ़िया जानकारी एकत्रित करने में स्टाफ की मदद कर सकें।
कैप्टन सिंह ने जेलों में गैंगस्टरों और उग्रपंथियों को अन्य कैदियों से अलग करने के लिए व्यापक रणनीति तैयार करने के लिए भी जेल विभाग को कहा है। इस प्रस्ताव का उद्देश्य जेलों में आतंकवादियों/गैंगस्टरों की आपराधिक गतिविधियों पर रोक लगाना है।
मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को महीने में एक बार अपने-अपने जिलों की जेलों का दौरा करने के निर्देश दिए हैं जिससे इन जेलों में सुरक्षा प्रबंधों और कल्याण कदमों पर उपयुक्त निगरानी रखने को यकीनी बनाया जा सके।
बैठक के बाद सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि उपायुक्तों को जेलों की खामियों की पहचान करने के लिए निजी तौर पर जांच करने के लिए कहा है। नाभा जेल में बरगाड़ बेअदबी मामले के मुख्य आरोपी की हाल ही में हुई हत्या और लुधियाना जेल में हुए दंगों पर कैप्टन सिंह ने गंभीर नोटिस लिया है। उन्होंने वार्डनों के खाली पड़ सात सौ पदों को अविलंब भरने के निर्देश दिए हैं।
हालाँकि सरकार ने पहले ही 400 वार्डनों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इनके लिए वित्त विभाग ने मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री ने बाकी 300 पद भी जल्दी से जल्दी भरने के लिए विभाग को मंजूरी देने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने वार्डनों की भर्ती के लिए मौजूदा केवल लिखित परीक्षा कराने के अमल की जगह शारीरिक टैस्ट के न्यूनतम मापदण्डों को लाजिमी तौर पर पूरा करने के भी निर्देश दिए हैं।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने जेल मैनुअल का जायजा लेने के लिए भी जेल विभाग को हिदायत की है। उन्होंने कैदियों के लिए पैरोल को मुश्किल बनाने के लिए उचित संशोधन करने के लिए कहा है क्योंकि इनको जेलों से बाहर आकर समस्याएँ पैदा करते हुए देखा गया है।