पंजाब के पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष बीर दविंदर सिंह ने कोविड-19 की तीसरी लहर के मद्देनजर पांच प्रदेशों में चुनाव टालने की मांग की है। श्री सिंह ने यहां जारी बयान में कहा कि तेजी से फैल रहे नये वैरएंट ‘ओमीक्रोन‘ के कारण कोविड-19 की तीसरी लहर से देश के हालात देखते हुए पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के चुनाव टाल दिये जाने चाहिएं।
अनुच्छेद 21 के अनुसार नागरिकों का जिंदगी का अधिकार
उन्होंने कहा कि संविधान में पर्याप्त प्रावधान हैं जिससे कि भारतीय चुनाव आयोग चुनाव टाल सकता है। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार नागरिकों का जिंदगी का अधिकार है औैर कोई संवैधानिक अधिकारी इस अधिकार का उल्लंघन नहीं कर सकता।
लोगों को लोकतंत्र के इस पर्व में बहुत दिक्कतें आएंगी
उन्होंने यह भी कहा कि इस बार जो सख्त पाबंदियां चुनाव आयोग ने लगाई हैं, उनके कारण भी स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कराने में समस्या आने वाली है क्योंकि गरीबों, वंचितों और अशिक्षित लोगों को लोकतंत्र के इस पर्व में हिस्सा में बहुत दिक्कतें आएंगी। चुनाव लड़ रहे किसी प्रत्याशी को संसाधन जुटाने, तैयारियां करने और अन्य चीजों के लिए जो समय व माहौल चाहिए, वह नहीं मिल पाएगा। अमीर प्रत्याशी या राजनीतिक दल जो अपने वर्चुअल चुनाव प्रचार का डिजीटल प्रबंधन करने में सक्षम हैं, उन्हें तो कोई दिक्कत नहीं आएगी लेकिन जो प्रत्याशी या पार्टियां संसाधनों के मामले में कमजोर हैं, पीछे रह जाएंगी औैर उन्हें समान अवसर नहीं मिल पाएंगे।
उन्होंने कहा है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 153 और संविधान के अनुच्छेद 324 के अनुसार चुनाव आयोग चुनाव प्रक्रिया पूरी करने का समय बढ़ सकता है। इसलिए भारतीय चुनाव आयोग को कोविड-19 महामारी से उपजी गंभीर स्थिति को देखते हुए चुनाव टाल देने चाहिएं जब तक कि सुरक्षित व स्वस्थ माहौल नहीं लौटता।