लुधियाना- अमृतसर : देश-दुनिया के अलग-अलग देशेां से संबंधित 84 राजदूतों का एक विशेष प्रतिनिधि मंडल श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के मद्देनजर आज मानवता के अध्यात्मिक केंद्र श्री हरिमंदिर साहिब, सचखंड दरबार में दर्शन- दीदार करने के लिए पहुंचे। जहां उनका स्वागत शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने किया। हालांकि पड़ोसी मुलक पाकिस्तान के राजदूत इस वफद में नदारद मिले।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के उच्चायुक्त को भी इस दौरे के लिए न्यौता दिया गया था, लेेकिन सियासी दांवपेंचो के चलते वह नही आएं। हालांकि भारत के पश्चात सबसे अधिक गुरूनानक देव जी के पैरोपकार पड़ोसी मुलक पाकिस्तान में पाए जाते है और श्री गुरू नानक देव जी से संबंधित श्री ननकाना साहिब समेत अधिकांश गुरूद्वारे साहिब जी पाकिस्तान में स्थापित है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बाबा नानक के प्रकाश पर्व से संबंधित होने वाले धार्मिक समागमों में हिस्सा लेने के लिए अलग-अलग देशों के समस्त राजदूत आज एयर इंडिया की विशेष उड़ान द्वारा राजासांसी अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडे पर पहुंचे, यहां पहुंचने पर उनका स्वागत गुरू की नगरी अमृतसर से सांसद सदस्य गुरजीत सिंह औजला, पंजाब के केबिनेट मंत्री सुखजिंद्र सिंह सुख सरकारिया और अमृतसर के डिप्टी कमीश्रर द्वारा किया गया। यहां पहुंचने पर इनका प्रशासनिक अधिकारियों और सरकार के प्रतिनिधि द्वारा फूलों के हार डालकर बैंड बाजों के साथ ‘जी आया नूं ’ कहा गया। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी इस वफद के साथ यहाँ पहुंचे। श्री दरबार साहिब पहुंचने से पहले अलग-अलग देशों के समस्त राजदूतों को श्री हरिमंदिर साहिब विरासती मार्ग पहुंचने पर गर्मजोशी के साथ सियासी आगुओं और धार्मिक जत्थेबंदियों ने स्वागत किया।
यह राजदूत पैदल ही विरासती मार्ग से चलकर श्री हरिमंदिर साहिब इंटरपटीशन सेंटर पहुंचे। विदेशी राजदूतों को इंटरप्रिटेशन सेंटर में राजदूतों को 3डी- प्रेजेंटेशन के जरिए श्री गुरु रामदास जी द्वारा बसाई गई गुरु नगरी और श्री दरबार साहिब के इतिहास की जानकारी दी गई। लगभग पौना घंटा शिष्टमंडल ने इंटरप्रिटेशन सेंटर में जानकारियां हासिल की।
राजदूतों के शिष्टमंडल ने श्री हरिमंदिर साहिब परिसर का अवलोकन करनेे के बाद लंगर भवन भी गए, जहां उन्होंने श्री रामदास लंगर हाल में श्रद्धा के साथ गुरू घर का प्रसादा छका। तत्पश्चात वे सभी श्री अकाल तख्त साहिब पर नतमस्तक हुए। शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा राजदूतों के आगमन को लेकर विशेष प्रबंध किए गए। जिसके तहत मुलाजिमों द्वारा परिक्रमा के अंदर कतारों में खड़े होकर स्वागत किया गया।
इस मौके पर उनको एसजीपीसी की ओर से उन्हें सम्मानित भी किया गया। समस्त राजदूतों ने श्री दरबार साहिब परिसर में सामूहिक तस्वीरें भी खिचवाई और उन्होंने अपने-अपने मोबाइल कैमरों के जरिए बेहतरीन पलों और यादगरी क्षणों को समेटते हुए कैद किया। इस अवसर पर कई राजदूत गुरू घर के अलौकिक नजारों को देखकर भक्ति भाव से भावपूर्ण होते दिखे।
राजदूतों के लिए आयोजित समारोह के बाद केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि यह ऐतिहासिक मौका है कि 90 देशों के श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के संदर्भ में श्री दरबार साहिब आए हैं। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ है। पाकिस्तान के राजदूत के नहीं आने इस संबंध में उन्होंने कहा, हमने सभी देशों के राजदूतों को आमंत्रित किया था। हो सकता है वह व्यस्त हों। श्री करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए पाकिस्तान द्वारा 20 डालर की फीस लगाए जाने के मामले में उन्होंने कहा कि यह ठीक नहीं है। हर सरकार का फर्ज बनता है कि वह श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक सुविधाएं दे।
राजदूतों के लिए श्री हरिमंदिर साहिब के घंटाघर वाली साइड पर स्थित गोल्डन प्लाजा में समारोह के वास्ते विशाल टैंट लगाया गया था। समारोह में सभी राजदूतों को सम्मानित किया गया। एसजीपीसी के मुख्य सचिव डॉ. रूप सिंह सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
डॉ. रूप सिंह ने बताया कि एसजीपीसी अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल राजदूतों का स्वागत करने के बाद राजदूतों को सम्मानित किया गया। सुरक्षा के मद्देनजर पंडाल में सिविल वर्दी में महिला और पुरुष पुलिसकर्मी व एसजीपीसी की टास्क फोर्स तैनात किया गया था।
डॉ. रूप सिंह ने कहा कि यह पहली बार है कि इतनी बड़ी संख्या में किसी रूहानियत के स्थान को देखने के लिए राजदूत अलग-अलग देशों से पहुंचे। श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर यह एक बढिय़ा संदेश दुनिया भर में जा रहा है। इस दौरान श्री हरिमंदिर साहिब व सिख कौम के इतिहास की भी जानकारी इन राजदूतों की दी गई। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि गुरू पर्व को समर्पित आगमन पर श्री हरिमंदिर साहिब में समस्त देशों के राजदूतों को लाने का मंतव्य गुरू साहिब की सांझा वार्ता के संदेश और विश्व शांति के सरोकारों को उभारना है।
– सुनीलराय कामरेड