लुधियाना-नूरपुर बेदी : पंजाब समेत पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और चंडीगढ़ पुलिस के लिए पिछले काफी वक्त से सिरदर्द बने गैंगस्टार दिलप्रीत सिंह उर्फ बाबा के साथ रहने वाली दोनों महिलाओं को आज मोहाली की अदालत में पेश किया गया। हरप्रीत कौर और रूपिंद्र कौर नामक दोनों महिलाएं आपस में सगी बहनें है। हरप्रीत कौर को लुधियाना के नजदीक नवांशहर की पुलिस ने एक किलो हेरोइन समेत गिरफ्तार किया था। वही रूपिंद्र कौर को चंडीगढ़ के सेक्टर 38 से गिरफतार किया है।
उधर कीरतपुर में दिलप्रीत सिंह बाबा की मां सुरिंद्र कौर और बहन रमनप्रीत कौर ने चुनिंदा पत्रकारों से बातचीत करते हुए बाबा की गिरफतारी किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दिलप्रीत पुलिस के पास आत्मसमर्पण करना चाहता था परंतु पुलिस ने उसका झूठा मुकाबला बनाया है। उन्होंने कहा कि हमने मीडिया द्वारा दिलप्रीत को आत्मसमर्पण करने के लिए अपील की थी। दिलप्रीत की मां और बहन ने पंजाब पुलिस के उच्च अधिकारियों से मांग की कि दिलप्रीत पर कोई नाजायज केस ना बनाए जाएं और सभी मामले के सच के मुताबिक सजा हो।
उन्होंने कहा कि दिलप्रीत के गैंगस्टार बनने के पीछे उसी के गांव डाहा के सरपंच और बिंद्र नाम के नौजवान की पूरी भूमिका थी, वे हर रोज उसे परेशान करते थे, जिस कारण उसने यह रास्ता चुना। मां-बहन ने यह भी बताया कि वे लोग दिलप्रीत की कई बार घर में आकर मारपिटाई करते थे। जब वह पुलिस के पास शिकायत करता था तो उसकी सुनवाई नहीं होती थी। उनके मुताबिक दिलप्रीत की अगर पुलिस ने सुनवाई की होती तो आज दिलप्रीत गैंगस्टार ना होता।
रूपनगर पुलिस प्रमुख गुरबचन सिंह संधू के मुताबिक दिलप्रीत सिंह की गिरफतारी के बाद पुलिस प्रशासन ने सुख की सांस ली है। उनके मुताबिक काफी अरसे से दिलप्रीत बाबा के खौफ ने पूरे पंजाब में तहलका मचा रखा था। बाबा को जिंदा दबोचने के लिए पुलिस प्रशासन को एक बड़ी चुनौती थी। इसलिए समस्त थानों के अधिकारी और मुलाजिमों के साथ-साथ खुफियां तंत्र भी बाबा का सुराग लेने जुटा हुआ था। पुलिस के मुताबिक दिलप्रीत 25 केसों में वांछित था। बाबा पर कत्ल, इरादा कत्ल, छीना झपटी और नशीले पदार्थ रखने के कई केस थे और 2016 में पेशी के वक्त पुलिस को चकमा देकर भाग निकला था।
– सुनीलराय कामरेड