पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को सभी निजी और सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य सुविधाओं से कहा है कि वे रोजाना टीकाकरण के लिए कम से कम 8 घंटे की सेवाएं दें। ऐसा उन्होंने राज्य में टीकाकरण की कम संख्या को देखते हुए कहा है।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि 45 साल से अधिक के लोगों को किसी अन्य बीमारी से ग्रसित होने का अलग से मेडिकल सर्टिफिकेट लाने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने ये निर्देश कोविड-19 की समीक्षा बैठक के दौरान दिए। साथ ही चिंता जताई 1,291 रजिस्टर्ड निजी केंद्रों में से 891 ने कथित तौर पर अब तक एक भी डोज नहीं दिया है।
उन्होंने जिला प्रशासन से ऐसे अस्पतालों पर सख्ती बरतने को कहा। साथ ही जोर देकर कहा कि निजी अस्पतालों को राज्य और उसके लोगों के अस्तित्व के लिए कोविड के खिलाफ इस लड़ाई में शामिल होना चाहिए।
साथ ही निजी अस्पतालों में होने वाले टीकाकरण की फीस का प्रचार करना चाहिए और इन निजी केंद्रों को तय शुल्क से ज्यादा पैसे लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। हालांकि उन्होंने सातों दिन सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों और सरकारी अस्पतालों में टीकाकरण होने की बात पर संतोष जताया। उन्होंने सभी निर्वाचित और स्थानीय नेताओं से कहा कि जनता को टीकाकरण को लेकर जागरुक करें।