कोरोना से जंग के बीच अच्छी खबर, गुरूनानक मेडिकल कॉलेज अमृतसर ने कोरोना के 3 मरीज किए ठीक - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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कोरोना से जंग के बीच अच्छी खबर, गुरूनानक मेडिकल कॉलेज अमृतसर ने कोरोना के 3 मरीज किए ठीक

कोविड-19 के अंंतर्गत पंजाब सरकार के प्रबंधों के अधीन चल रहे सरकारी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा दी जा रही सेवाओं की प्रशंसा करते चिकित्सक और खोज मंत्री ओपी सोनी ने कहा कि बड़ी खुशी की बात है

लुधियाना-अमृतसर : कोविड-19 के अंंतर्गत पंजाब सरकार के प्रबंधों के अधीन चल रहे सरकारी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा दी जा रही सेवाओं की प्रशंसा करते चिकित्सक और खोज मंत्री ओपी सोनी ने कहा कि बड़ी खुशी की बात है कि उनके अस्पतालों में विदेशों से आएं मरीजों का सफलतापूर्वक  इलाज हो रहा है। 
उन्होंने बताया कि गुरूनानक देव अस्पताल अमृतसर जोकि शानदार प्राप्तियों के लिए पहचाना जाता है और यहां के डॉक्टरों ने विश्व भर में अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है, ने कोरोना से प्रभावित 3 रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। उन्होंने बताया कि इस इलाज के पश्चात उक्त तीनों मरीजों को कुछ हिदायतें देकर घर भेज दिया गया है। 
कोरोना संक्रमित मरीज ने इस महामारी को मात दे दी है और जिंदगी की जंग जीत ली है। होशियारपुर निवासी 43 वर्षीय शख्स इलाज के बार कोरोना वायरस कोविड-19 से मुक्त हो गया है। यह व्यक्ति 4 मार्च को जर्मनी से आया था। वह मूल रूप से होशियारपुर का रहनेवाला है।
अमृतसर के सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थित इंफ्लुएंजा लैब से किए गए टेस्ट में वह संक्रमण मुक्त पाया गया है। पिछले 21 दिनों से अमृतसर के गुरुनानक देव अस्पताल के आइसोलेशन वॉर्ड में उपचाराधीन इस शख्स का पहला टेस्ट दिल्ली एम्स से करवाया गया था और इसमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इसके बाद पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी लैब से करवाए गए टेस्ट में भी से कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया था। उसके बेटे और पत्नी के सैंपल के टेस्ट भी करवाए गए थे और उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी।
आइसोलेशन वॉर्ड में इस शख्स पर डॉक्टरों की टीम लगातार नजर रख रही थी। डॉक्टरों के अनुसार, इलाज के दौरान उसे क्लोरोक्वीन, एंटी रेट्रोवायरल ड्रग लाइपोना व रेटोना (एचआइवी पेशेंट को दी जानेवाली) का कॉम्बीनेशन दी गई। उसे स्वाइन फ्लू के मरीजो को दी जानेवाली दवा टेमीफ्लू और एजिथ्रोमाइनिस दवा दी गई। इसके अलावा मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विशेष दवाएं दी गईं।
दवाओं का असर और डॉक्टरों की मेहनत रंग लाई। बीते बुधवार को मरीज का सैंपल इंफ्लुएंजा लैब भेजा गया था। इस दौरान उसकी प्राथमिक एवं कन्फर्मेशन रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद वीरवार को भी उसके गले से थ्रोड स्वैब लेकर इंफ्लुएंजा लैब लाया गया। दो चरणों में हुए टेस्ट के पहले चरण में ई-जीन की जांच की गई और दूसरे चरण में ओआरएफबी टेस्ट हुआ। दोनों टेस्टों की रिपोर्ट निगेटिव आई। यह डॉक्टरों के लिए अविस्मरणीय पल था। नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर एक डॉक्टर ने बताया कि मरीज का संक्रमण मुक्त होने की सर्वाधिक खुशी हमें हैं।
मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. सुजाता शर्मा का कहना है कि मरीज का ट्रीटमेंट विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार किया गया था। 
– सुनीलराय कामरेड

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