सरकार ने खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) को ‘‘पंजाब को तोड़कर’’ देश से अलग करने के अपने हिंसक अभियान के दौरान हत्या के अनेक मामलों में संलिप्त होने, बम विस्फोट करने तथा अन्य आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने के लिए प्रतिबंधित कर दिया है ।
संगठन को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित करने का फैसला ऐसे वक्त में लिया गया जब एजेंसियों ने हाल के महीनों में केएलएफ के अनेक मॉड्यूल का पता लगाया। इससे उस आशंका को बल मिला है कि वह राज्य में आतंकवाद को फिर से पैदा करने की कोशिश कर रहा है।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि खालिस्तान लिबरेशन फोर्स और उससे संबंद्ध सभी संगठनों को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित किया गया है। इसमें कहा गया है कि इस अधिनियम के तहत निषिद्ध यह 40वां संगठन होगा।
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अधिकारियों के अनुसार पंजाब में 1980 से 1990 के बीच जिस वक्त आतंकवाद चरम पर था उस वक्त यह संगठन अनेक गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त था।
आदेश में कहा गया कि केएलएफ पर इसलिए प्रतिबंध लगाया गया है क्योंकि यह निर्दोष लोगों, पुलिस अधिकारियों की हत्या करने में शामिल है।यह भारत में नागरिकों के ठिकानों पर बम धमाके करने, आतंकवादी गतिविधियों के लिए उगाही के जरिए धन इकट्ठा करने,अपहरण करने, बैंक में डाका ड़ालने तथा सरकार के अहम अधिकारियों की हत्या करने की कोशिश में शामिल है।
आदेश में कहा गया कि पंजाब को ‘‘हिंसा के जरिये’’ देश से अलग कर एक स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर स्थापित करने की मंशा से 1986 में केएलएफ अस्तित्व में आया था।