भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और पंजाब की पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांता चावला ने आज कहा कि बिहार के मुजफ्फरपुर जिले समेत कुछ अन्य जिलों में चमकी बुखार (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) से पीड़ित 100 से ज्यादा बच्चों की मौत पर सरकार को जवाब देना ही होगा। उन्होंने यहां जारी बयान में कहा कि बिहार सरकार बच्चों का इलाज तो करवा नहीं पाई और अब पीड़ितों के घावों पर नमक छिड़कते हुए उनके बच्चों की मौत का मुआवजा देना शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि सरकार जानती है कि किसी की गोद सूनी होने का घर के दीपक बुझने का मुआवजा नहीं होता। लक्ष्मीकांता चावला ने कहा कि अगर सरकार मुआवजे के नाम पर दिए जाने वाले करोड़ रुपये बच्चों के इलाज पर खर्च करती, हवाई जहाज से उन्हें दिल्ली, पटना या अमेरिका तक भी ले जाती तब भी इतनी बड़ी रकम खर्च न होती और हो सकता था कि ये बच्चे बच जाते।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को यह भी जवाब देना होगा कि जब कोई बड़ मंत्री या नेता बीमार होता है तब उसे अमेरिका ही भेजा जाता है और इलाज के लिए एयरलिफ्ट भी करते हैं। इन बच्चों के इलाज के लिए सरकार ने गंभीरता क्यों नहीं दिखाई?
लक्ष्मीकांता चावला ने कहा कि सवाल केंद, सरकार से भी है, जैसे ही बीमार से लाइलाज चमकी बुखार के कहर के समाचार मिले तो सरकार क्यों हरकत में नहीं आई? क्यों विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम बिहार नहीं भेजी गई? उन्होंने कहा कि बिहार सरकार यह याद रखे कि रोती चीखती माताओं का दर्द और बेबसी में मरते गरीब बच्चों की पुकार देश और बिहार सरकार को कभी चैन से सोने नहीं देगी।