लुधियाना : पंजाब में श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी और बहिबल कलां गोलीकांड के मामले में विशेष जांच कमेटी के वरिष्ठ सदस्य की सियासी दबाव के बीच किए गए तबादले के उपरांत सिख समाज में काफी रोष पाया जा रहा है। श्री अकाल तख्त साहिब के सरबत खालसा द्वारा नियुक्त भाई ध्यान सिंह मंड ने कहा कि बेअदबी और गोलीकांड की सही जांच दिशा को भटकाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने 12 अप्रैल को भारतीय चुनाव कमीशन के दिल्ली स्थित मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किए जाने की घोषणा की है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पंजाब भर में बादल अकाली दल और भाजपा के उम्मीदवारों के नामांकन के समय काली झंडियों से विरोध किया जाएंगा। युनाइटेड अकाली दल के अध्यक्ष भाई मोकम सिंह और वासन सिंह जफरवाल ने भी चुनाव कमीशन द्वारा आईजी कुंवर विजय प्रताप सिंह को पद से हटाएं जाने की निंदा करते हुए कहा कि बेअदबी के रोष स्वरूप शांतमयी ढंग से प्रदर्शन कर रहे निहत्थे सिखों पर गोली चलाने की घटना की जांच के बाद आज जब सिखों को कुंवर विजय प्रताप सिंह द्वारा इंसाफ की आशा बंधी थी, तो सियासत से प्रेरित होकर चुनाव कमीशन ने कानून के रास्ते को बंद करने का प्रयास किया है। असल दोषियेां को बचाने के लिए केंद्र की सहमति से उनका तबादला किया गया है।
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श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी और कोटकपूरा बहिबल कलां गोली कांड मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच समिति (सीट) के मुख्य मैंबर और आई पी एस अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह की भारतीय मुख्य चुनाव आयोग (ईसीआई) के आदेशों के साथ की गई बदली का सख्त विरोध करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) ने भी आज राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी के द्वारा ईसीआई को मांग पत्र दिया और इस फैसले पर फिर से विचार कर कुंवर विजय प्रताप सिंह की सिट के मैंबर के तौर पर जिम्मेदारी देने की बात कही।
राज्य चुनाव अधिकारी के साथ मुलाकात करने के उपरांत मीडिया के साथ बातचीत करते हुए हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि कुंवर विजय प्रताप सिंह के नेतृत्व में बेअदबी और बहबल कलां गोली कांड की जांच सही दिशा की तरफ बढ़ती हुई निचोड़ पर पहुंचने वाली थी, जो इस फैसले के साथ प्रभावित हुई है। चीमा ने भारतीय मुख्य चुनाव आयोग की तरफ से 5 अप्रैल 2019 को लिया गया फैसला पक्षपाती और बुरी मंशा (मैलाफाइड अटैंशन) वाला फैसला है। जिस को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। चीमा ने कहा कि कुंवर विजय प्रताप सिंह की तरफ से बेअदबी मामले के साथ सम्बन्धित टीवी चैनलों को दी गई इंटरव्यू को राजनीति से प्रभावित इंटरव्यू करार दे कर उनको सिट मैंबर से फारिग करना बिल्कुल गलत है। जबकि वह लाखों लोगों की भावनाओं और बेकसूर लोगों की मौत के साथ जुड़े मामले की जांच कर रहे थे, जिस का राजनीति के साथ कोई सम्बन्ध नहीं।
इस मौके अमन अरोड़ा ने कहा कि आज आम आदमी पार्टी का वफद न केवल पार्टी बल्कि उन लाखों करोड़ों लोगों की भावनाओं को जाहिर करने आए हैं, जो श्री गुरु ग्रंथ साहिब में आस्था रखते हैं और बेअदबी और बरगाड़ी मामले पर इंसाफ और दोषियों को सजा चाहते हैं। अमन अरोड़ा ने चुनाव कमीशन को बताया कि कुंवर विजय प्रताप सिंह को सिट के मैंबर के तौर पर हटाने का लोगों में आम धारणा बन गई है कि यह फैसला अकाली दल और भाजपा के नेताओं के दबाव अधीन पक्षपाती और बुरी मंशा के साथ लिया गया फैसला है।
आप के वफद ने यह भी ध्यान में लाया कि हाल ही दौरान नीति आयोग के वाइस चेयरमैन ने जनतक तौर पर एक राजनैतिक पार्टी विरुद्ध बोला है, परंतु उस विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं हुई। इस से यह प्रभाव जाता है कि भारतीय चुनाव कमीशन का कुंवर विजय प्रताप सिंह सम्बन्धित फैसला सही नीयत के साथ नहीं लिया गया है, जो वापिस होना चाहिए। इस पार्टी की रिव्यू समिति के प्रमुख हरचन्द सिंह बस्र्ट, प्रवक्ता नवदीप सिंह संघा, सुखराज सिंह गोरा फिरोजशाह, लीगल विंग के प्रधान जसतेज सिंह अरोड़ा और स्टेट मीडिया इंचार्ज मनजीत सिंह सिद्धू मौजूद थे।
– सुनीलराय कामरेड