लुधियाना-नवांशहर : श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी के मामले में इंसाफ के लिए बरगाड़ी में चल रहे इंसाफ मोर्चे के दौरान भाषण करते हुए विवादित टिप्पणी करने पर नवांशहर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए शिरोमणि गुरूद्वारा कमेटी के पूर्व महासचिव सुखदेव सिंह भौर को आज जेल भेज दिया गया। उन्हें पंजाब पुलिस ने एक विशेष समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोपों के तहत गिरफ्तार किया था।
जत्थेदार भौर को भारी सुरक्षा बंदोबस्त के तहत आज अदालत में पेश किया गया, जहां से अदालत ने 22 सितबंर तक के लिए न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया है। स्मरण रहे एसजीपीसी के पूर्व महासचिव सुखदेव ङ्क्षसह भौर द्वारा संत रामा नंद के संबंध में की गई टिप्पणी को अभद्र व गलत करार देते हुए एससी समुदाय ने शहर में रोष प्रदर्शन किया था। इस दौरान पुलिस को सौंपी गई शिकायतों के बाद पुलिस ने जत्थेदार सुखदेव सिंह भौर के खिलाफ, 295ए और आइटीएक्ट की धारा 66 के तहत धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया था।
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भौर का पिछले दिनों बरगाड़ी मोर्चे के दौरान एक भाषण का विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, हालांकि उन्होंने इस मामले में पहले माफी मांग ली थी। जानकारी अनुसार मामले संबंधी वीडियो वायरल होने पर एससी भाईचारे से संबंधित लोग इकट्ठे होकर जत्थेदार सुखदेव सिंह भौर के निवास स्थान पर पहुंच गए।
स्थिति को भांपते हुए मौके पर पुलिस बल तैनात किया गया व आईजी रणजीत ङ्क्षसह खटटर सहित एसएसपी दीपक हिलोरी व अन्य पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने लोगों को शांत करवाया व उन्हें इस संबंध में उचित कदम उठाए जाने का आश्वासन दिया था।
पुलिस के अनुसार गांव साहलों के रहने वाले सतपाल साहलों ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि बरगाड़ी कांड के संबंध में एक वीडियो में सुखदेव सिंह भौर ने संत रामा नंद (डेरा सचखंड बल्लां) जिन्हें कौम के शहीद भी कहा जाता है के बारे में अपमानजनक शब्दावली का इस्तेमाल किया है। इससे समाज की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। यही नहीं शिकायतकर्ता ने यह भी कहा है कि संत रामनंद के वियाना आस्ट्रेलिया में कत्ल हुआ था। शक है कि इस मामले में भी सुखदेव सिंह भौर का हाथ हो सकता है जोकि रिकार्डिंग में इस्तेमाल की गई शब्दावली से साफ होता है। इसके अलावा इस शिकायत पत्र पर बसपा नेता नच्छतर पाल के भी हस्ताक्षर हैं।