लुधियाना-गुरदासपुर : बलात्कार के दंश को झेल रहे नामजद पूर्व अकाली मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह द्वारा आज स्थानीय सीजीएम न्यायिक दंड अधिकारी मोहित बांसल की अदालत में अपने वकीलों के माध्यम से पंजाब पुलिस को चकमा देकर आत्मसमर्पण करने में सफल रहे। पुलिस को जैसे ही लंगाह के अदालत परिसर में पहुंचने की भनक लगी तो वह गिरफतार करने के लिए पहुंच गए। इस दौरान कुछ सिखों के समूह ने लंगाह द्वारा की गई घिनौनी करतूत के मध्यनजर अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए नारे भी लगाएं और लंगाह का पुतला भी फूंका।
जानकारी के मुताबिक अदालती हुकमों के उपरांत जब पंजाब पुलिस के दर्जनों पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में लंगाह को हिरासत में लेकर सीआईए थाने की तरफ ले जाया जा रहा था तो अचानक एक सिख युवक ने लंगाह पर कृपाण के साथ हमला कर दिया, परंतु लंगाह बचने में सफल रहें। लंगाह पर हमला उस वक्त किया गया जब पुलिस उसे बिठाकर अपनी गाड़ी में ले जा रही थी। अचानक हुए इस हमले में पुलिस अधिकारी हैरान रह गए। जानकारी के मुताबिक श्री गुरू ग्रंंथ साहिब सत्कार कमेटी के सदस्यों को जैसे ही लंगाह के अदालत में पहुंचने की भनक लगी तो लंगाह की विरोधता दर्ज करते हुए उन्होंने लंगाह का पुतला भी फूंका।
इस अवसर पर पुलिस द्वारा मान्ययोग अदालत से लंगाह का रिमांड मांगा जबकि लंगाह के वकीलों द्वारा इसका तर्क देकर विरोध किया गया। इसी संबंध में फैसला आने से पहले न्यायपालिका के आदेश पर लंगाह को 9 अक्तूबर तक पुलिस हिरासत में लिया गया। तत्पश्चात मानयोग अदालत ने सुच्चा सिंह लंगाह को 9 अक्तूबर तक पुलिस रिमांड पर भेजते हुए गुरदासपुर पुलिस के सुपुर्द कर दिया। इससे पहले बीते सोमवार को लंगाह ने चंडीगढ़ स्थित सेक्टर 43 की जिला अदालत ने आदेश दिया था कि वह गुरदासपुर में ही आत्मसमर्पझा करें।
इस आदेश से पहले लंगाह की तलाश में पंजाब पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी करते हुए पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ समेत हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उतराखंड और जम्मूकश्मीर की पुलिस को भी लंगाह की गिरफतारी के आदेश दे दिए थे। स्मरण रहें कि बीते दिनों 29 सितंबर को गुरदासपुर की एक महिला ने पिछले 8 साल के दौरान बारबार लंगाह द्वारा दबाव बनाते हुए बलात्कार करने के आरोप लगाकर पुलिस को मामला दर्ज करवाया था और पीडि़ता ने इस मामले में सबूत के तौर पर वीडियो भी दी थी।
- सुनीलराय कामरेड