लुधियाना : दिल्ली में स्मॉग से चिंतित सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर के साथ मीटिंग पर लुधियाना के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने अरविंद केजरीवाल से सवाल किया है कि आखिर इस मीटिंग का परिणाम क्या निकला? केवल चाय पीकर, बिस्कुट खाकर व सरकार के पैसे खर्च करके यदि केवल मीटिंग ही करनी थी तो इसका कोई सार्थक परिणाम भी निकलता तो बेहतर होता। लेकिन खुद केजरीवाल यह बात मान रहे कि अभी इसका कोई परिणाम नहीं आया है। बिट्टू ने कहा कि पंजाब के मुखयमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह यही बात उठा रहे थे कि इस मुद्दे का हल तभी निकल सकता है,ख्यदि केंद्र व केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय इसमें शामिल हो।
खुद सीएम पंजाब कई बार इस मुद्दे पर दिल्ली में पीएम व पर्यावरण मंत्रालय से मीटिंगें व लेटर लिख चुके है कि या तो किसानों के लिए डीजल पैट्रोल पर सैस लगाने दिया जाए ताकि इसमें से आने वाला पैसे किसानों को दिया जाए। या फिर किसानों को फसल में अधिक पैसे दे दिये जाए। असल में इसका हल केंद्र के पास है। स्टेट के पास तो कोई अधिकार ही नहीं है। केजरीवाल केवल यहां खबर बनाने के लिए आए थे। खुद दिल्ली में केजरीवाल को पंद्रह सौ करोड रूपये प्रदूषण हल के लिए दिया था जोकि पडा रहने के कारण खत्म हो गया।
एक सवाल के जवाब में बिट्टू ने कहा कि केजरीवाल चंडीगढ आने पर पंजाब के नेताओं से इसलिए नहीं मिले क्योंकि उनकी दिलचस्पी पंजाब में अब नहीं है। इनके नेता दूसरे दलों में जा रहे है, जो रह गए है, वह भी चले जाएंगे। एमपीज की मीटिंग का अकाली दल-भाजपा के बायकाट पर बिट्टू ने कहा कि यह मीटिंग पंजाब के हितों के बारे में रखी थी। ताकि संसद में इन पंजाब के मुद़्दों को उठाया जा सके।
हालांकि सत्र लेट हो गया है। लेकिन सीएम पंजाब ने फिर भी मीटिंग बुलाई थी। ऐसा मुद्दा नहीं था कि इसे मीडिया में तूल देते। लेकिन इनके पास कोइ मुद्दा नहंी है। गुजरात में सीडी को लेकर चल रही सियासत की निंदा करते हुए कहा कि पहले भाजपा लोगों को धर्म के नाम पर लडाती रही है, वहीं अब इन सीडिज में पड गई है। जिसने 22 साल शासन किया हो व देश का प्रधानमंत्री उनका होने सहित अधिकतर राज्यों में उनकी सरकार हो, उनका ऐसे हत्थकंडे अपनाना शोभा नहीं देता। लेकिन भाजपा ने शुरू से ही ऐसी सियासत खेली है।
– सुनीलराय कामरेड